अस्सलाम वालेकुम मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आज हम आपको बताएंगे कि कभी भी अपनी राज तीन लोगों को मत बताएं तीन लोग कौन हैं आइए जानते हैं एक बार हजरत अली की खिदमत में एक शख्स बहुत परेशानी में हाजिर हुआ।उसने हजरत अली से कहा कि हुजूर मेरी कहीं भी इज्जत नहीं होती है मैं हर जगह रुसवा होता हूं बेइज्जत होता हूं और हर कोई मेरा मजाक उड़ाता है.
मैं बहुत परेशान हो चुका हूं मेरी मदद कीजिए तब हजरत अली ने फरमाया की ए शख़्स अगर तुम चाहते हो कि तुम कहीं भी रुसवा और बेइज्जत ना हो लोग तुम्हारा मजाक ना उड़ाय तो तुम अपने राज को सबसे छुपाए और बचाए रखा करो। जब तक तुम लोगों से अपने रात को छुपाए रखोगे तब तक वह तुम्हारे गुलाम रहेंगे.
लेकिन जैसे ही उनको तुम्हारे राज़ के बारे में पता चलेगा तुम उनके गुलाम बन जाओगे तब उस आदमी ने हजरत अली से पूछा कि हुजूर ऐसे कौन लोग हैं जिनके सामने मुझे अपने राज नहीं बताने चाहिए या जिनके सामनेें अपने राज बताने से मैं रुसवा हो जाऊंगा सब हजरत अली ने फरमाया कि कभी भी अपना राज किसी औरत के सामने मत खोलो याद रखो औरत के दिल और जुबान का फासला बहुत कम होता है और वह कहीं भी कुछ भी बोल देती है दूसरा कभी भी अपने राज को अपने बेवकूफ दोस्त के सामने मत बताओ क्योंकि बेवकूफ दोस्त को यह नहीं पता होता है कि कौन सी बात कब और कहां बोलनी है और वह तुम्हारा भला तो चाहता है.
लेकिन बेवकूफी में वह तुम्हारा नुकसान कर बैठता है और तीसरा कभी भी अपना राज उस इंसान के सामने मत रखो जो झूठ बोलता हो या ग़ीबत करता हो क्योंकि उसकी यह बुराई तुम्हारी रुसवाई का सबसे बड़ा सबब बन सकती है वह इंसान बुराई करने से बाज नहीं आएगा और किसी और के सामने तुम्हारे रात को खोल कर रख देगा।
यह वही लोग है जिनके सामने कभी भी इंसान को अपने राज नहीं बताने चाहिए ऐसा करने पर सामने वाला रुतबा और बेइज्जत हो जाता है और लोग उसका मजाक उड़ाने लगते हैं राज अब तक राज होता है जब तक वह हमारे दिल में होता है और जुबान तक नहीं आता है जैसे ही हम अपना राज किसी के सामने रखते हैं तो वह राज़ खत्म हो जाता है.
मैं बहुत परेशान हो चुका हूं मेरी मदद कीजिए तब हजरत अली ने फरमाया की ए शख़्स अगर तुम चाहते हो कि तुम कहीं भी रुसवा और बेइज्जत ना हो लोग तुम्हारा मजाक ना उड़ाय तो तुम अपने राज को सबसे छुपाए और बचाए रखा करो। जब तक तुम लोगों से अपने रात को छुपाए रखोगे तब तक वह तुम्हारे गुलाम रहेंगे.
लेकिन जैसे ही उनको तुम्हारे राज़ के बारे में पता चलेगा तुम उनके गुलाम बन जाओगे तब उस आदमी ने हजरत अली से पूछा कि हुजूर ऐसे कौन लोग हैं जिनके सामने मुझे अपने राज नहीं बताने चाहिए या जिनके सामनेें अपने राज बताने से मैं रुसवा हो जाऊंगा सब हजरत अली ने फरमाया कि कभी भी अपना राज किसी औरत के सामने मत खोलो याद रखो औरत के दिल और जुबान का फासला बहुत कम होता है और वह कहीं भी कुछ भी बोल देती है दूसरा कभी भी अपने राज को अपने बेवकूफ दोस्त के सामने मत बताओ क्योंकि बेवकूफ दोस्त को यह नहीं पता होता है कि कौन सी बात कब और कहां बोलनी है और वह तुम्हारा भला तो चाहता है.
लेकिन बेवकूफी में वह तुम्हारा नुकसान कर बैठता है और तीसरा कभी भी अपना राज उस इंसान के सामने मत रखो जो झूठ बोलता हो या ग़ीबत करता हो क्योंकि उसकी यह बुराई तुम्हारी रुसवाई का सबसे बड़ा सबब बन सकती है वह इंसान बुराई करने से बाज नहीं आएगा और किसी और के सामने तुम्हारे रात को खोल कर रख देगा।