राजस्थान सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने गत दिसंबर को पश्चिम बंगाल के एक मुस्लिम मजदूर को पीटने और उसे जिंदा जलाने के अपराध का वीडियो हटाने के लिए कहा है।
यह वीडियो इस मामले के एक आरोपी की ओर से पोस्ट किया गया था। इस वीडियो में शंभू लाल रैगर यह कहते हुए दिखाई पड़ रहा है कि उसने लव जिहाद को रोकने के लिए मुस्लिम मजदूर अफराजुल की हत्या की। इस घटना को रैगर केनाबालिग भतीजे ने कैमरे में कैद किया था। यह नृशंस घटना को राजस्थान केराजसमंद जिले में अंजाम दिया गया था।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि इस नृशंस वीडियो को रैगर ने अपलोड किया था और इस वीडियो को कई वेबसाइट पर दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वीडियो को वेबसाइट से हटाने में कुछ वक्त लगेगा।
पीठ ने राज्य सरकार को हलफनामे के जरिए यह बताने केलिए कहा कि इस वीडियो को हटाने के लिए अब तक क्या प्रयास किए गए हैं। साथ ही जोधपुर जेल के भीतर से रैगर द्वारा वीडियो अपलोड करने को भी लेकर भी विस्तृत जानकारी देने के लिए कहा है।
सुनवाई के दौरान मृतक की पत्नी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि राज्य सरकार रैगर के खिलाफ उसकी गिरफ्तारी से पहले वीडियो अपलोड करने केसंबंध में कार्रवाई कर सकती थी।
जेल से वीडियो अपलोड करने केबावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर राज्य सरकार केवकील ने कहा कि जरूरी कार्रवाई की जा रही है।