14 फरवरी को पुलवामा चरमपंथी हमले में भारत ने अपने 44 जवान खो दिए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली।
इस घटना के बाद जहां एक तरफ सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक युद्ध का उन्माद फैला हुआ है, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी इंसान हैं जो लगातार अमन और शांति की बात कर रहे हैं।
पाकिस्तान की तरफ से इसकी ठोस शुरूआत की है पाकिस्तान महिला पत्रकार सहर मिर्जा ने। 19 फरवरी को सहर मिर्जा ने अपने फेसबुक अकॉउंट पर एक तस्वीर शेयर की। तस्वीर में खुद सहर मिर्जा एक तख्ती लिए खड़ी दिख रही हैं।
तख्ती पर लिखा है- ‘मैं एक पाकिस्तानी हूं और मैं पुलवामा आतंकी हमले की निंदा करती हूं’ तख्ती पर लिखे इन अनम के इन लफ़्ज़ों को #AntiHateChallenge और #NoToWar से सजाया गया है।
अपनी इस तस्वीर को फेसबुक पर साझा करते हुए सहर मिर्जा ने कैप्शन दिया है ‘मैं पाकिस्तान के लिए इंसानियत का सौदा नहीं करूंगी’ कैप्शन के साथ जो हैशटैग लगाए गए हैं वो दुनिया में इंसानिय के जिंदा होने के पुख्ता सबुत हैं। सहर मिर्जा के हैशटैग हैं – #WeStandWithIndia, #NoToTerrorism
इंसानियत के लिए आतंकवाद और युद्ध के खिलाफ सहर मिर्जा की इस पहल की दुनियाभर में चर्चा हो रही है। सहर ये संदेश दे रही हैं कि वो इस दुख की घड़ी में भारत के साथ खड़ी हैं। साथ ही वो आतंकवाद और युद्ध के खिलाफ हैं।
पाकिस्तान की इस महिला पत्रकार ने ‘अमन की आशा’ नाम के एक फेसबुक पेज पर भी एक ऐसा ही पोस्ट लिखा है। पोस्ट में पांच लड़कियों की अलग-अलग तस्वीर हैं। पांचों लड़कियों ने अपने हाथ में एक तख्ती ले रखी है जिसपर लिखा है- ‘मैं एक पाकिस्तानी हूं और मैं पुलवामा आतंकी हमले की निंदा करती हूं’
सहर मिर्जा ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए अंग्रेजी में लंबा कैप्शन लिखा है। सहर लिखती हैं ‘कश्मीर में हुए दर्दनाक आतंकी हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई, हम उससे बेहद दुखी हैं। ऐसे वक्त में हमें जरूरत है कि ज्यादा से ज्यादा लोग सामने आए, जंग और आतंक के खिलाफ आवाज उठाएं।
हमने #AntiHateChallenge शुरू किया है, हम इस हमले की निंदा करते हैं। हम हमारे भारतीय दोस्तों के साथ हैं। पाकिस्तानी दोस्तों से अपील करते हैं, कि जो कोई भी हमारे जैसा महसूस कर रहा है, हमारी इस मुहीम में हमारा साथ दे।’
इसके बाद सहर ने साहिर लुधियानवी के उन लाइनों को लिखा है जिसे दुनियाभर के अमन और शांति पंसद लोग गुनगुनाते हैं। सहर लिखती हैं-
‘खेत अपने जलें कि औरों के
ज़ीस्त फ़ाक़ों से तिलमिलाती है
ज़ीस्त फ़ाक़ों से तिलमिलाती है
टैंक आगे बढ़ें कि पिछे हटें
कोख धरती की बाँझ होती है
फ़त्ह का जश्न हो कि हार का सोग
ज़िंदगी मय्यतों पे रोती है
कोख धरती की बाँझ होती है
फ़त्ह का जश्न हो कि हार का सोग
ज़िंदगी मय्यतों पे रोती है
जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है
जंग क्या मसअलों का हल देगी
आग और ख़ून आज बख़्शेगी
भूक और एहतियाज कल देगी
जंग क्या मसअलों का हल देगी
आग और ख़ून आज बख़्शेगी
भूक और एहतियाज कल देगी
इस लिए ऐ शरीफ़ इंसानो
जंग टलती रहे तो बेहतर है
आप और हम सभी के आँगन में
शम्मा जलती रहे तो बेहतर है’
जंग टलती रहे तो बेहतर है
आप और हम सभी के आँगन में
शम्मा जलती रहे तो बेहतर है’
सहर मिर्जा के इस #AntiHateChallenge में अब तमाम अमन पसंद लोग हिस्सा ले रहे हैं। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि शांति की ये पहल महिलाओं की तरफ से की गई है।