आजकल के दौर में हर कोई अपने लाइफ में इतना बिजी हैं कि वह किसी और के लिए समय ही नही निकाल पाता है। एक वक्त था जब लोगों को मद्दत के लिए बोलना भी नही पड़ता और लोग मद्दत के लिए हाथ बढ़ा देते थे लेकिन समय के साथ अब लोग के सोच व्यवहार में भी परिवर्तन आया है। अब तो अगर सामने किसी का एक्सीडेंट भी हो जाये तो लोग अनदेखा कर वहाँ से चले जाते हैं। आज लोग मद्दत के लिए गुहार लगाते हैं।
लेकिन उनका कोई नहीं सुनता कोई भी मद्दत के लिए बढ़ता है। सब यही सोचते हैं किसी और के चक्कर में खुद को किसी झमेले में क्यों डाले। लेकिन आज हम आपके सामने एक ऐसी सच्ची कहानी बताने जा रहे है, जिसे सुनने के बाद आपको शायद आज भी इंसानियत जिंदा होने का एहसास होगा। वरना आज कल इंसानियत देखने को भी कहा मिलती हैं। यह वाक़्या एक गरीब टैक्सी ड्राइवर से जुड़ी है। हमेशा के जैसे वह उस दिन भी सवारी लाना ले जाने का काम कर रहे थे।
हमेशा के तरह उस दिन भी ट्रैफिक जाम था और लोग ट्रैफिक में फसे हुए थे। तभी टैक्सी ड्राइवर की नज़र एक लड़की पर पड़ी जिसका एक्सीडेंट हुआ था और रोड पर पड़ी हुई थी। वहां बहुत से लोग मौजूद थे लेकिन किसी ने भी उसके मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया, कोई भी आगे नही आया उसकी मद्दत के लिए। सब उसे देख कर बस आगे बढ़ रहे थे। तभी टैक्सी ड्राइवर जल्दी से उस लड़की को अपनी गाड़ी में लेकर अस्पताल पहुँचा।
डॉक्टर ने कहाँ हालात गंभीर है ऑपरेशन करना होगा। टैक्सी ड्राइवर ने बिना कुछ सोचे बोला कर दीजिए। ऑपरेशन में पूरे ढाई लाख रुपये खर्च हुए। टैक्सी ड्राइवर ने अपनी टैक्सी बेच दी। जिस टैक्सी को चलाकर वह अपने परिवार का पेट पालता था। लड़की बहुत जल्द ही ठीक होने लगी। उसने टैक्सी ड्राइवर का पता लगवाया जिसने उसकी मद्दत की थी। लड़की अब बिल्कुल ठीक थी उसने बताया वह अभी पढ़ाई करती हैं जो कि अब पूरी होने वाली है। उसे अपने पढ़ाई के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा। उसने उस ड्राइवर को भी वहा बुलाया।
जब उस लड़की को गोल्ड मेडल से सम्मानित करने के लिए स्टेज पर बुलाया तब लड़की सीधा उस टैक्सी ड्राइवर के पास जा कर खड़ी हो गई। और कहाँ यह मेडल मेरे भाई के लिए है। उसने कहा इस मेडल का असली हक़दार बस मेरे भाई राजवीर हैं। उसके बाद लड़की ने उस सड़क हादसे के बारे में सबको बताया। वहाँ मौजूद सभी लोग यह सुन कर भावुक हो गए और उस राजवीर टैक्सी ड्राइवर को खूब सरहाया और प्रशंसा किया।