28 वर्षीय मोहम्मद खमीम सेतियावान इंडोनेशिया से नौ हजार किलोमीटर की दूरी पर पैदल तय करने के बाद सऊदी अरब स्थित मुसलमानों के सबसे बड़े तीर्थस्थल मक्का पहुंच गए हैं। अपनी इस यात्रा के दौरान टी-शर्ट पहने मोहम्मद खमीम ने कहा था, मैं मक्का पर अपने रास्ते पर चल रहा हूं और अल्लाह पर पूरा भरोसा है कि मक्का सकुशल पहुँच जाऊँगा।
वह 28 अगस्त 2016 को मध्य जावा में अपने गृहनगर से निकला था और इस यात्रा को पूरा करने के लिए उसको एक साल लग गया। उनकी यात्रा इंडोनेशिया से शुरू हुई और मलेशिया, थाईलैंड, म्यांमार (बर्मा), भारत, पाकिस्तान, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात के रास्ते अंत में सऊदी अरब पर ख़त्म हुई। खमीम अक्सर दिन के दौरान रोजा रखते थे और रात में यात्रा करना पसंद करते थे। वह स्थानीय मस्जिदों और लोगों घरों में सोते थे और कभी-कभी तो जंगल में डेरा डाल देते थे।
इस यात्रा के दौरान कई लोगों ने रास्ते में उसको भोजन दिया। वे हमेशा दयालु लोगों से मिले जिन्होंने भोजन और अन्य आवश्यक सामान दिए। थाईलैंड में एक बौद्ध मंदिर में उनका स्वागत हुआ था। म्यांमार में ग्रामीणों ने मुझे भोजन दिया। मैंने भारत के तब्लीगी जमात की मस्जिद में विभिन्न देशों के मुस्लिम विद्वानों से मुलाकात की।
खमीम ने कहा कि अल्लाह के प्रति पूर्ण समर्पण दिखाने का उनका यह तरीका था। इससे पूर्व बोस्निया के मुस्लिम सेनाद हादजिक ने 10 महीने में 5650 किलोमीटर पैदल यात्रा करके अपना हज का सपना पूरा किया। बोस्नियाई मीडिया के मुताबिक हादजिक इस लम्बी यात्रा के बाद सऊदी अरब स्थित मुसलमानों के सबसे बड़े तीर्थस्थल मक्का पहुंचे।
खमीम ने कहा कि अल्लाह के प्रति पूर्ण समर्पण दिखाने का उनका यह तरीका था। इससे पूर्व बोस्निया के मुस्लिम सेनाद हादजिक ने 10 महीने में 5650 किलोमीटर पैदल यात्रा करके अपना हज का सपना पूरा किया। बोस्नियाई मीडिया के मुताबिक हादजिक इस लम्बी यात्रा के बाद सऊदी अरब स्थित मुसलमानों के सबसे बड़े तीर्थस्थल मक्का पहुंचे।