जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से देशभर में शोक और आक्रोश का माहौल है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक पर उतरकर लोग इस हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
मुंबई की सड़कों पर भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला। मुस्लिम बहुल इस इलाके में लोगों ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले के विरोध में ज़ोरदार प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन में हाथों में तिरंगा लिए मुंबई के कई मौलाना, मुफ़्ती और मदरसे के बच्चे मौजूद रहे। हमले के विरोध में यहां के व्यापारियों ने आज के दिन अपनी दुकानें भी बंद रखी हैं।
प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान विरोधी और आतंकवादी संगठनों के विरोध में भी नारे लगाए गए। अक्सर व्यस्त रहने वाले भिन्डी बाजार का इलाका पाकिस्तान मुर्दाबाद, लश्कर-ए-तैयबा मुर्दाबाद, जैश ए मोहम्मद मुर्दाबाद, मसूद अजहर मुर्दाबाद, हाफिज सईद मुर्दाबाद जैसे नारों से गूंज उठा।
गौरतलब है कि गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश के आतंकी आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी कार से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी। ये साल 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है।
मुंबई की सड़कों पर भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला। मुस्लिम बहुल इस इलाके में लोगों ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले के विरोध में ज़ोरदार प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन में हाथों में तिरंगा लिए मुंबई के कई मौलाना, मुफ़्ती और मदरसे के बच्चे मौजूद रहे। हमले के विरोध में यहां के व्यापारियों ने आज के दिन अपनी दुकानें भी बंद रखी हैं।
प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान विरोधी और आतंकवादी संगठनों के विरोध में भी नारे लगाए गए। अक्सर व्यस्त रहने वाले भिन्डी बाजार का इलाका पाकिस्तान मुर्दाबाद, लश्कर-ए-तैयबा मुर्दाबाद, जैश ए मोहम्मद मुर्दाबाद, मसूद अजहर मुर्दाबाद, हाफिज सईद मुर्दाबाद जैसे नारों से गूंज उठा।
गौरतलब है कि गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश के आतंकी आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी कार से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी। ये साल 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है।