मुंबई में लगभग 9 लाख फ!र्जी वो!टरों का माम!ला ऐसे समय में उजागर हुआ है जब कुछ महीने बाद ही लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी के पसीने छू!ट रहे हैं क्योंकि शिवसेना के तेवर पहले से ही उसे परे!शा!न कर रहे थे और अब फ!र्जी वो!टरों के मा!म!ले को लेकर कांग्रेस हम!ला!वर हो गई है।
कांग्रेस का कहना है कि मुंबई के हर लोकसभा क्षेत्र में लाखों वोटर फ!र्जी हैं जो चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
इसी आधार पर कांग्रेस ने इन फ!र्जी वोटरों के नाम ह!टा!ने की मांग की, लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने इन 9 लाख फ!र्जी वोटरों के मा!मले में यह कहते हुए का!र्रवा!ई से इनकार कर दिया है कि यह काम केंद्रीय चुनाव आयोग का है।
इन फर्जी वोटरों पर मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने हाल ही में प्रेस कांफ्रेंस किया। फ!र्जी वोटरों को खो!जने में उन्हें एकलव्य सॉफ्टवेयर के नितिन शिंगोटे ने मदद की है।
बीजेपी शासित राज्य महाराष्ट्र में !फ!र्जी! वोटरों का यह कोई पहला मा!मला नहीं है। इससे पहले 2017 में मुंबई से सटे भिवंडी में भी 50 हजार फर्जी वोटरों का मा!मला सामने आया था। इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी।
केंद्रीय चुनाव आयोग को तलब भी किया गया था। लेकिन इसी बीच तत्कालीन महानगर पालिका आयुक्त डॉक्टर योगेश म्हसे ने मतदाता सूची में ग!ड़!ब!ड़ी के आ!रो!प में नगरपालिका के 11 कर्मचारियों को नि!लं!बित कर दिया।
इधर, निरूपम ने भी सं!दे!ह जाहिर किया है कि फ!र्जी वोटर आईडी बनाने के गो!रख!धं!धे में एक ब!ड़ा गैं!ग काम कर रहा है जिसमें जिला कलेक्टर और चुनाव आयोग के कर्मचारी क!थि!त रूप से सहयोग कर रहे हैं। यह गं!भीर मा!म!ला है। क्योंकि, फ!र्जी वोटर किसी भी चुनाव नतीजे को प्र!भा!वित करते हैं। निरूपम के मुताबिक मुंबई के लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में 15 से 20 हजार और लोकसभा क्षेत्र में 1 से 1.5 लाख फ!र्जी वोटर हैं।
एकलव्य सॉफ्टवेयर कंपनी को पता चला है कि एक व्यक्ति के नाम पर 11 से 13 वोटर आईडी बनाए गए हैं। एक निर्वाचन क्षेत्र में एक व्यक्ति के नाम पर अलग-अलग नाम, पते, आयु को दिखा कर वोटर आईडी बनाया गया है। दिंडोशी, अणुशक्ति नगर, मानखुर्द, चांदिवली इलाके में फर्जीवोटर आईडी पाए गए हैं। जांच के दौरान पता चला है कि मगाठाणे विधानसभा क्षेत्र में 638 वोटरों में से सिर्फ 182 वास्तविक वोटर थे जबकि दिंडोशी निर्वाचन क्षेत्र में 552 में से सिर्फ 290 ही असली थे।
इधर राज्य में चुनाव आयोग की ओर से चलाए जा रहे पुनरीक्षण अभियान के दौरान भी मतदाता सूची से 7 लाख 34 हजार 871 लोगों के नाम ह!टा!ए! गए हैं। इसमें मुंबई शहर से 59741 और मुंबई उपनगर से 45289 नाम हैं। वैसे, इसका खु!ला!सा नहीं किया गया है कि जिनके नाम ह!टा!ए गए वे फ!र्जी वोटर थे या नहीं।
मतदाता सूची में नाम जोड़ने और ह!टा!ने के अभियान के तहत 35.88 लाख लोगों ने मतदाता सूची में नाम डा!लने का आवेदन किया है। सूत्रों के मुताबिक ठाणे, औरंगाबाद, यवतमाल, चंद्रपुर, गढ़चिरौली, गोंदिया, भंडारा और नागपुर में भी नए वोटरों के नाम शामिल किए गए हैं तो कइयों के नाम ह!टा!ए भी गए हैं।
कांग्रेस का कहना है कि मुंबई के हर लोकसभा क्षेत्र में लाखों वोटर फ!र्जी हैं जो चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
इसी आधार पर कांग्रेस ने इन फ!र्जी वोटरों के नाम ह!टा!ने की मांग की, लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने इन 9 लाख फ!र्जी वोटरों के मा!मले में यह कहते हुए का!र्रवा!ई से इनकार कर दिया है कि यह काम केंद्रीय चुनाव आयोग का है।
इन फर्जी वोटरों पर मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने हाल ही में प्रेस कांफ्रेंस किया। फ!र्जी वोटरों को खो!जने में उन्हें एकलव्य सॉफ्टवेयर के नितिन शिंगोटे ने मदद की है।
बीजेपी शासित राज्य महाराष्ट्र में !फ!र्जी! वोटरों का यह कोई पहला मा!मला नहीं है। इससे पहले 2017 में मुंबई से सटे भिवंडी में भी 50 हजार फर्जी वोटरों का मा!मला सामने आया था। इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी।
केंद्रीय चुनाव आयोग को तलब भी किया गया था। लेकिन इसी बीच तत्कालीन महानगर पालिका आयुक्त डॉक्टर योगेश म्हसे ने मतदाता सूची में ग!ड़!ब!ड़ी के आ!रो!प में नगरपालिका के 11 कर्मचारियों को नि!लं!बित कर दिया।
इधर, निरूपम ने भी सं!दे!ह जाहिर किया है कि फ!र्जी वोटर आईडी बनाने के गो!रख!धं!धे में एक ब!ड़ा गैं!ग काम कर रहा है जिसमें जिला कलेक्टर और चुनाव आयोग के कर्मचारी क!थि!त रूप से सहयोग कर रहे हैं। यह गं!भीर मा!म!ला है। क्योंकि, फ!र्जी वोटर किसी भी चुनाव नतीजे को प्र!भा!वित करते हैं। निरूपम के मुताबिक मुंबई के लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में 15 से 20 हजार और लोकसभा क्षेत्र में 1 से 1.5 लाख फ!र्जी वोटर हैं।
एकलव्य सॉफ्टवेयर कंपनी को पता चला है कि एक व्यक्ति के नाम पर 11 से 13 वोटर आईडी बनाए गए हैं। एक निर्वाचन क्षेत्र में एक व्यक्ति के नाम पर अलग-अलग नाम, पते, आयु को दिखा कर वोटर आईडी बनाया गया है। दिंडोशी, अणुशक्ति नगर, मानखुर्द, चांदिवली इलाके में फर्जीवोटर आईडी पाए गए हैं। जांच के दौरान पता चला है कि मगाठाणे विधानसभा क्षेत्र में 638 वोटरों में से सिर्फ 182 वास्तविक वोटर थे जबकि दिंडोशी निर्वाचन क्षेत्र में 552 में से सिर्फ 290 ही असली थे।
इधर राज्य में चुनाव आयोग की ओर से चलाए जा रहे पुनरीक्षण अभियान के दौरान भी मतदाता सूची से 7 लाख 34 हजार 871 लोगों के नाम ह!टा!ए! गए हैं। इसमें मुंबई शहर से 59741 और मुंबई उपनगर से 45289 नाम हैं। वैसे, इसका खु!ला!सा नहीं किया गया है कि जिनके नाम ह!टा!ए गए वे फ!र्जी वोटर थे या नहीं।
मतदाता सूची में नाम जोड़ने और ह!टा!ने के अभियान के तहत 35.88 लाख लोगों ने मतदाता सूची में नाम डा!लने का आवेदन किया है। सूत्रों के मुताबिक ठाणे, औरंगाबाद, यवतमाल, चंद्रपुर, गढ़चिरौली, गोंदिया, भंडारा और नागपुर में भी नए वोटरों के नाम शामिल किए गए हैं तो कइयों के नाम ह!टा!ए भी गए हैं।