सतना की जिला अदालत ने एक स्कूल टीचर के खिलाफ डेथ वारंट- फांसी का अंतिम आदेश जारी किया है। वह चार साल की मासूम के साथ दुष्कर्म करने का दोषी है। बच्ची का शोषण इतनी क्रूरता से किया गया था कि उसे महीनों दिल्ली के एम्स में बिताने पड़े और उसकी कई सर्जरी हुईं। अब जाकर उसकी आंतों ने ठीक तरह से काम करना शुरू किया है।
आरोपी महेंद्र सिंह गोंड की फांसी जबलपुर की जेल में 2 मार्च को होनी तय है। अधिकारियों का कहना है कि यदि उच्चतम न्यायालय इस सजा पर रोक नहीं लगाती है तो उसे नियत तारीख पर फांसी दे दी जाएगी। अपराध होने और अपराधी को दोषी साबित करने में केवल सात महीने का समय लगा। यदि उसे फांसी हो जाती है तो यह नए कानून के तहत पहला ऐसा मामला होगा जिसमें बच्चों के साथ दुष्कर्म करने वाले को फांसी मिलेगी।
गोंड ने बच्ची का 30 जून, 2018 की रात को अपहरण किया था। उसने जंगल में ले जाकर बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और उसे वहीं मरा हुआ समझकर फेंक दिया। उसके परिवारजनों ने उसे देर रात को अधमरी हालत में पाया और उसे तुरंत अस्पताल लेकर गए। राज्य सरकार ने तुरंत उसे एयरलिफ्ट करके दिल्ली भेजा। इस अपराध ने देश को हिलाकर रख दिया था। गोंड को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया गया।
डीएसपी किरन किरो ने इस मामले का नेतृत्व किया और नागौड़ के सेशंस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। जहां से अदालत ने उसे 19 सितंबर को मौत की सजा सुनाई। आरोपी को दोषी साबित करने का तरीका भी अनोखा था। पीड़िता ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपना बयान दिया और इससे वह दोषी साबित हो पाया।
आरोपी महेंद्र सिंह गोंड की फांसी जबलपुर की जेल में 2 मार्च को होनी तय है। अधिकारियों का कहना है कि यदि उच्चतम न्यायालय इस सजा पर रोक नहीं लगाती है तो उसे नियत तारीख पर फांसी दे दी जाएगी। अपराध होने और अपराधी को दोषी साबित करने में केवल सात महीने का समय लगा। यदि उसे फांसी हो जाती है तो यह नए कानून के तहत पहला ऐसा मामला होगा जिसमें बच्चों के साथ दुष्कर्म करने वाले को फांसी मिलेगी।
गोंड ने बच्ची का 30 जून, 2018 की रात को अपहरण किया था। उसने जंगल में ले जाकर बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और उसे वहीं मरा हुआ समझकर फेंक दिया। उसके परिवारजनों ने उसे देर रात को अधमरी हालत में पाया और उसे तुरंत अस्पताल लेकर गए। राज्य सरकार ने तुरंत उसे एयरलिफ्ट करके दिल्ली भेजा। इस अपराध ने देश को हिलाकर रख दिया था। गोंड को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया गया।
डीएसपी किरन किरो ने इस मामले का नेतृत्व किया और नागौड़ के सेशंस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। जहां से अदालत ने उसे 19 सितंबर को मौत की सजा सुनाई। आरोपी को दोषी साबित करने का तरीका भी अनोखा था। पीड़िता ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपना बयान दिया और इससे वह दोषी साबित हो पाया।