बांदा।बुंदेलखंड के बांदा जिला मुख्यालय की नगर पालिका परिषद की अस्थायी गौशाला से छोड़े गए करीब 600 आवारा गौवंशों ने मंगलवार को किसानों की 500 बीघे से अधिक की रबी की फसल साफ कर दी, और रौंदकर बर्बाद कर दी। बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने बुधवार को आईएएनएस को बताया, “मुख्यमंत्री के आदेश पर बांदा शहर की नगर पालिका परिषद ने अलीगंज के सुअर बाड़ा और हटेटी पुरवा के निर्माणाधीन स्लाटर हाउस में लगभग 1,000 आवारा गौवंश बंद किए थे। शनिवार को हटेटी पुरवा स्लाटर हाउस से गौवंश छोड़ दिए गए। वहां चारा-पानी का कोई प्रबंध न होने से पशु दम तोड़ रहे थे।”
शर्मा ने कहा, “मंगलवार रात लगभग 600 गौवंशों के झुंड ने हटेटी पुरवा के किसान नीलेन्द्र, शिवहरी, मूलचंद्र, शिवपूजन, रामआसरे, दद्दू पाल, श्यामसुंदर, रामपाल, बसंतू यादव व कमतू के अलावा खोड़ गांव के रामचंद्र, बजरंग पुरवा के सीताराम, गोड़ी बाबा पुरवा के महेश सहित कई किसानों की 500 बीघा से अधिक की चना, मसूर, गेहूं, अरहर व मटर की खड़ी फसल चर लिया और बर्बाद कर दिया।”
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन जनवरी को सभी जिलाधिकारियों को लिखित आदेश जारी किया था, जिसमें उन्होंने आवारा गौवंश को अस्थायी गौशालाओं में 10 जनवरी तक बंद कर किसानों की फसल बचाने की बात कही थी।
नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी (ईओ) संतोष कुमार मिश्रा ने आईएएनएस से कहा, “हटेटी पुरवा के निर्माणाधीन स्लाटर हाउस से कुछ अराजक तत्वों ने शनिवार रात मुख्यद्वार का ताला तोड़ कर करीब 700 गौवंश छोड़ दिए हैं, जो किसानों की फसल उजाड़ रहे हैं। इन आवारा मवेशियों को फिर से ढूंढ़ कर बंद करने की कोशिश की जा रही है।”
जिला प्रशासन ने इस घटना की जांच कराकर दोषियों को दंडित करने और फसलों के नुकसान का आकलन कर किसानों को मुआवजा देने की बात कही है।
बांदा के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संतोष बहादुर सिंह ने आईएएनएस से कहा, “निर्माणाधीन गौशाला से गौवंशों को कैसे छोड़ा गया, हम इसकी जांच करा रहे हैं। घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी और फसलों को हुए नुकसान का मूल्यांकन कराकर किसानों को मुआवजे के लिए शासन को लिखेंगे।”
हालांकि बांदा जिले के सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां करीब 100,000 आवारा गौवंश हैं। इनमें से महज लगभग 20,000 को विभिन्न अस्थायी गौशालाओं में बंद किया गया है। अब भी 80,000 गौवंश किसानों के लिए आफत बने हुए हैं।”