इस्लाम एक ऐसा मजहब है जो हमेशा नेकी की दावत देता है और बुराइयों से रोकता है. इस्लाम सामाजिक बुराइयों के सख्त खिलाफ है .इस्लाम लोगों को भाईचारे मोहब्बत का सबक सिखाता है .वहीँ इस्लाम में कहीं भी किसी के साथ भेदभाव नहीं है. वहीं अगर कोई शख्स इस्लम क़बूल कर लेता है, तो उससे पहले उसने जितने भी गुनाह किए हो अल्लाह ताला सब माफ़ कर देता है. इस्लाम की अच्छाई की वजह से ही इस्लाम बहुत कम वक़्त में दुनिया में फैल गया.लोगों ने इस्लाम की तालीम को देख कर के इस्लाम कुबूल किया. और आज भी लोग इस्लाम क़ुबूल कर रहे हैं.
आज मैं आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहा हूँ.जिन्होंने इस्लाम अपनाया है.21 साल की गाब्रिएला इस्लाम अपनाने के बारे में बताती हैं कि मैं अपनी ज़िंदगी से तंग आकर खुदकुशी करने जा रही थी.लेकिन इस्लाम को पढ़कर मैं अपने इरादे से बाज़ आ गई.वह बताती है कि आज मैं दुनिया में ज़िंदा हूँ तो इस्लाम की वजह से ज़िंदा हूँ. वह बताती हैं की जब मैं ईसाई थी तो उस वक़्त मैं काफी परेशान रहती थी मुझे सुकून नहीं मिलता था लेकिन इस्लाम अपनाने के बाद मुझे बहुत सुकून मिला है.
वह बताती है कि जब से मैंने इस्लाम धर्म को अपनाया है, उस वक्त से मैं काफी खुश हूँ.वहीँ वह यह भी कहती है,जब मैं ने इस्लाम कबूल करने का इरादा किया तो मुझे मालूम था कि बहुत मुश्किल पेश आने वाली है.और लोग मेरे बारे में तरह तरह की बातें करेंगे.लेकिन मुझे की की परवाह नहीं थी.मैंने अपने मन से इस्लाम अपना लिया.
वह बताती हैं मैं अपने फ्रेंड से गर्भवती हो गई थी.उसके बाद मैं बहुत परेशान थी.मैं ने इरादा कर लिया था की अपना बच्चा गिरा दूँगी.इसी दौरान मुझे मेरी एक सहेली ने सलाह दिया कि तू इस्लाम धर्म को पढ़ कर देखो.और समझो उसके बाद अगर चाहो तो इस्लाम को अपना लो.क्योंकि इस्लाम धर्म अपनाने के बाद अल्लाह ताला सब गुनाहों को माफ कर देता है.
उसी मैंने इस्लाम को पढ़ना शुरू कर दिया.और इस्लाम को पढ़कर के इस्लाम धर्म को अपना लिया.उस वक़्त से सुकून से जिंदगी गुजार रही हूं. वह कहती हैं मैं इतनी मुश्किलों के बाद भी आज अगर ज़िंदा हूँ तो यह इस्लाम की वजह से है.अगर मैं इस्लाम न अपनाती तो मैं आज दुनिया में न होती.
आज मैं आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहा हूँ.जिन्होंने इस्लाम अपनाया है.21 साल की गाब्रिएला इस्लाम अपनाने के बारे में बताती हैं कि मैं अपनी ज़िंदगी से तंग आकर खुदकुशी करने जा रही थी.लेकिन इस्लाम को पढ़कर मैं अपने इरादे से बाज़ आ गई.वह बताती है कि आज मैं दुनिया में ज़िंदा हूँ तो इस्लाम की वजह से ज़िंदा हूँ. वह बताती हैं की जब मैं ईसाई थी तो उस वक़्त मैं काफी परेशान रहती थी मुझे सुकून नहीं मिलता था लेकिन इस्लाम अपनाने के बाद मुझे बहुत सुकून मिला है.
वह बताती है कि जब से मैंने इस्लाम धर्म को अपनाया है, उस वक्त से मैं काफी खुश हूँ.वहीँ वह यह भी कहती है,जब मैं ने इस्लाम कबूल करने का इरादा किया तो मुझे मालूम था कि बहुत मुश्किल पेश आने वाली है.और लोग मेरे बारे में तरह तरह की बातें करेंगे.लेकिन मुझे की की परवाह नहीं थी.मैंने अपने मन से इस्लाम अपना लिया.
वह बताती हैं मैं अपने फ्रेंड से गर्भवती हो गई थी.उसके बाद मैं बहुत परेशान थी.मैं ने इरादा कर लिया था की अपना बच्चा गिरा दूँगी.इसी दौरान मुझे मेरी एक सहेली ने सलाह दिया कि तू इस्लाम धर्म को पढ़ कर देखो.और समझो उसके बाद अगर चाहो तो इस्लाम को अपना लो.क्योंकि इस्लाम धर्म अपनाने के बाद अल्लाह ताला सब गुनाहों को माफ कर देता है.
उसी मैंने इस्लाम को पढ़ना शुरू कर दिया.और इस्लाम को पढ़कर के इस्लाम धर्म को अपना लिया.उस वक़्त से सुकून से जिंदगी गुजार रही हूं. वह कहती हैं मैं इतनी मुश्किलों के बाद भी आज अगर ज़िंदा हूँ तो यह इस्लाम की वजह से है.अगर मैं इस्लाम न अपनाती तो मैं आज दुनिया में न होती.