प्यारे नबी सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम से मोहब्बत करना ईमान की जान है .मुसलमान अपने नबी से अपनी जान से भी ज्यादा मोहब्बत करते हैं .और कुरान हदीस में भी नबी से मोहब्बत करने का जिक्र किया गया है. वहीं अल्लाह के नबी के साथ साथ उनकी औलाद से भी मोहब्बत करने का हुक्म दिया गया है .कुरान और हदीस में कई जगह पर हुक्म हुआ है नबी की औलाद से मोहब्बत करो.
आज हम यहां पर एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जो नबी से बहुत ज्यादा मोहब्बत करता था .बाग्दाद शरीफ में एक गरीब शख्स था. जिसके दिल में ख्वाहिश थी कि वह एक मर्तबा हज करें. उसने पैसे जुटाना शुरू किए, जब हज पर जाने भर का पैसा उसके पास हो गया, तो उसने हज का इरादा किया . हज पर जाने से पहले वह शख्स बाजार गया ताकि जरूरत की कुछ चीजें खरीद ले ,लेकिन जैसे ही बाजार में दाखिल हुआ तो उसे एक शख्स मिला और उसने अपनी गरीबी बताकर इनसे सवाल कर दिया.उन्होंने उसे कुछ पैसे दे दिए, तो सवाल करने वाले ने कहा मैं औलादे नबी हूं .
यह सुनकर हज पर जाने वाले शख्स ने अपना पूरा पैसा आले नबी को दे दिया. और घर वापस आ गया . हज का टाइम आया लोग हज करने के लिए चले गए जब हाजी लोग हज करके बगदाद वापस आए, तो यह शख्स जो हज पर नहीं जा सका था, लोगों को मुबारकबाद देने के लिए गया, तो लोग इन्हें ही मुबारकबाद देने लगे ,यह सच हैरान हो गया कि मैं तो हज पर गया ही नहीं था लोग मुझे मुबारकबाद क्यों दे रहे हैं .
इसी सोच में वह घर वापस आ गया और रात को जब वह सोया तो उसे एक ख्वाब में अल्लाह के नबी सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम का दीदार हुआ .अल्लाह के नबी ने इस शख्स से फरमाया कि तुमने मेरी औलाद की मदद की थी इसके बदले में अल्लाह ताला ने तुम्हारी जगह पर एक फरिश्ते को बैतुल्लाह में मुकर्रर कर दिया है, और वह तुम्हारी तरफ से दिन रात तवाफ करता रहता है, तुम आज ना कर सके लेकिन अल्लाह ने तुम्हारे लिए हज का सवाब लिख दिया है.
आज हम यहां पर एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जो नबी से बहुत ज्यादा मोहब्बत करता था .बाग्दाद शरीफ में एक गरीब शख्स था. जिसके दिल में ख्वाहिश थी कि वह एक मर्तबा हज करें. उसने पैसे जुटाना शुरू किए, जब हज पर जाने भर का पैसा उसके पास हो गया, तो उसने हज का इरादा किया . हज पर जाने से पहले वह शख्स बाजार गया ताकि जरूरत की कुछ चीजें खरीद ले ,लेकिन जैसे ही बाजार में दाखिल हुआ तो उसे एक शख्स मिला और उसने अपनी गरीबी बताकर इनसे सवाल कर दिया.उन्होंने उसे कुछ पैसे दे दिए, तो सवाल करने वाले ने कहा मैं औलादे नबी हूं .
यह सुनकर हज पर जाने वाले शख्स ने अपना पूरा पैसा आले नबी को दे दिया. और घर वापस आ गया . हज का टाइम आया लोग हज करने के लिए चले गए जब हाजी लोग हज करके बगदाद वापस आए, तो यह शख्स जो हज पर नहीं जा सका था, लोगों को मुबारकबाद देने के लिए गया, तो लोग इन्हें ही मुबारकबाद देने लगे ,यह सच हैरान हो गया कि मैं तो हज पर गया ही नहीं था लोग मुझे मुबारकबाद क्यों दे रहे हैं .
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