राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम की ओर से की गई पूछताछ में शहजाद निर्दोष निकला। उसका दोष केवल इतना था कि उसने जिसौरा निवासी अफसार के मेमोरी कार्ड और किताबों को अपने पास रखा था। पूछताछ के बाद एनआईए ने शनिवार रात शहजाद को दिल्ली कार्यालय में उसके पिता को सुपुर्द कर दिया।
एनआईए की टीम ने मेरठ क्षेत्र के गांव जिसौरा निवासी अफसार की निशानदेही पर शनिवार तड़के धौलाना क्षेत्र के गांव पिपलैड़ा निवासी शहजाद को हिरासत में लिया था। शहजाद के पास से अफसार द्वारा दिया गया मोबाइल का मेमोरी कार्ड और उर्दू और अरबी में लिखी गई कुछ किताबें बरामद की थी।
उसके बाद पूछताछ के बाद टीम शहजाद को अपने साथ दिल्ली कार्यालय ले गई, लेकिन पूछताछ में वह पाक साफ निकाला। देर रात एनआईए ने उसके पिता तालिब अली को दिल्ली स्थित कार्यालय पर बुलाकर शहजाद को उसके सुपुर्द कर दिया।
शहजाद के घर आते ही परिवार व गांव में खुशी का माहौल था। शहजाद ने बताया कि टीम उसे पहले धौलाना थाने, उसके बाद हापुड़ और यहां से गांव जिसौरा ले गई। यहां से उसे दिल्ली एनआईए के आफिस ले जाया गया जहां एक वरिष्ठ अधिकारी ने उससे पूछताछ की। उसके बाद उसे छोड़ दिया गया।
एनआईए की टीम ने मेरठ क्षेत्र के गांव जिसौरा निवासी अफसार की निशानदेही पर शनिवार तड़के धौलाना क्षेत्र के गांव पिपलैड़ा निवासी शहजाद को हिरासत में लिया था। शहजाद के पास से अफसार द्वारा दिया गया मोबाइल का मेमोरी कार्ड और उर्दू और अरबी में लिखी गई कुछ किताबें बरामद की थी।
उसके बाद पूछताछ के बाद टीम शहजाद को अपने साथ दिल्ली कार्यालय ले गई, लेकिन पूछताछ में वह पाक साफ निकाला। देर रात एनआईए ने उसके पिता तालिब अली को दिल्ली स्थित कार्यालय पर बुलाकर शहजाद को उसके सुपुर्द कर दिया।
शहजाद के घर आते ही परिवार व गांव में खुशी का माहौल था। शहजाद ने बताया कि टीम उसे पहले धौलाना थाने, उसके बाद हापुड़ और यहां से गांव जिसौरा ले गई। यहां से उसे दिल्ली एनआईए के आफिस ले जाया गया जहां एक वरिष्ठ अधिकारी ने उससे पूछताछ की। उसके बाद उसे छोड़ दिया गया।