मोहसिन शेख हत्याकांड के मुख्य आरोपी हिंदू राष्ट्र सेना प्रमुख धनंजय देसाई को बॉम्बे हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई है। कोर्ट ने देसाई को इस शर्त पर 50 हज़ार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है कि सुनवाई पूरी होने तक वह किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा।
देसाई को 20 अन्य के साथ 24 वर्षीय पुणे के इंजीनियर मोहसिन शेख की हत्या के सिलसिले में जेल में बंद किया गया था। शेख पर 2 जून 2014 की रात को भीड़ ने हमला किया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। इस भीड़ का नेतृत्व कथित तौर पर देसाई कर रहा था।
दरअसल, फेसबुक पर किसी ने शिवाजी महाराज और शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे की आपत्तिजनक तस्वीर डाल दी थी। उस घटना के बाद पुणे में हिंदू राष्ट्र सेना ने विरोध जताते हुए पूरे शहर में हिंसक प्रदर्शन किए थे। प्रदर्शन के दौरान ही कथित तौर पर हिंदू राष्ट्र सेना के कार्यकर्ताओं ने शेख की हत्या की थी।
मोहसिन शेख मामले में याचिका दायर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अज़हर तम्बोली ने देसाई को ज़मानत दिए जाने को दुखद बताया है। उन्होंने न्यूज़ वेबसाइट ‘द वायर’ से बात करते हुए कहा, ‘यह बेहद दुख की बात है कि देसाई जैसे असामाजिक तत्वों को जमानत मिल गई है। हम इस जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। ऐसे लोग अगर बाहर आ गए तो कई और मोहसिन मारे जा सकते हैं।
अज़हर ने कहा कि देसाई जैसे लोगों को साज़िश के तहत बाहर लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2019 चुनाव के चलते इन्हें बाहर लाया जा रहा है और हम इनके गलत मंसूबो में कामयाब नहीं होने देंगे।
वहीं मोहसिन की मां शबाना परवीन ने कहा कि वह देसाई की ज़मानत खारिज करने की जल्द अर्जी दायर करेंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें खुदा पर यकीन है कि उनके बेगुनाह बच्चे के हत्यारों को सजा मिलेगी।
परवीन ने बताया कि मोहसिन को न्याय दिलाने के लिए उनके पूरे परिवार ने संघर्ष किया है। इंसाफ की इस लड़ाई के दौरान उन्होंने अपने पति को भी खो दिया।
उन्होंने बताया कि सरकार ने भी अपने वादे पूरे नहीं किए। सरकार ने 30 लाख रुपए देने के लिए कहा था, लेकिन दिए सिर्फ 10 लाख और वादे के मुताबिक बड़े बेटे को नौकरी भी नहीं दी।
देसाई को 20 अन्य के साथ 24 वर्षीय पुणे के इंजीनियर मोहसिन शेख की हत्या के सिलसिले में जेल में बंद किया गया था। शेख पर 2 जून 2014 की रात को भीड़ ने हमला किया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। इस भीड़ का नेतृत्व कथित तौर पर देसाई कर रहा था।
दरअसल, फेसबुक पर किसी ने शिवाजी महाराज और शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे की आपत्तिजनक तस्वीर डाल दी थी। उस घटना के बाद पुणे में हिंदू राष्ट्र सेना ने विरोध जताते हुए पूरे शहर में हिंसक प्रदर्शन किए थे। प्रदर्शन के दौरान ही कथित तौर पर हिंदू राष्ट्र सेना के कार्यकर्ताओं ने शेख की हत्या की थी।
मोहसिन शेख मामले में याचिका दायर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अज़हर तम्बोली ने देसाई को ज़मानत दिए जाने को दुखद बताया है। उन्होंने न्यूज़ वेबसाइट ‘द वायर’ से बात करते हुए कहा, ‘यह बेहद दुख की बात है कि देसाई जैसे असामाजिक तत्वों को जमानत मिल गई है। हम इस जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। ऐसे लोग अगर बाहर आ गए तो कई और मोहसिन मारे जा सकते हैं।
अज़हर ने कहा कि देसाई जैसे लोगों को साज़िश के तहत बाहर लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2019 चुनाव के चलते इन्हें बाहर लाया जा रहा है और हम इनके गलत मंसूबो में कामयाब नहीं होने देंगे।
वहीं मोहसिन की मां शबाना परवीन ने कहा कि वह देसाई की ज़मानत खारिज करने की जल्द अर्जी दायर करेंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें खुदा पर यकीन है कि उनके बेगुनाह बच्चे के हत्यारों को सजा मिलेगी।
परवीन ने बताया कि मोहसिन को न्याय दिलाने के लिए उनके पूरे परिवार ने संघर्ष किया है। इंसाफ की इस लड़ाई के दौरान उन्होंने अपने पति को भी खो दिया।
उन्होंने बताया कि सरकार ने भी अपने वादे पूरे नहीं किए। सरकार ने 30 लाख रुपए देने के लिए कहा था, लेकिन दिए सिर्फ 10 लाख और वादे के मुताबिक बड़े बेटे को नौकरी भी नहीं दी।