भारत में वर्ष 2009 में यूपीएससी परीक्षा के टापर शाह फ़ैसल ने आईएएस अफ़सर की नौकरी छोड़कर सबको चौंका दिया है। कश्मीर से संबंध रखने वाले शाह फ़ैसल ने 2009 में यूपीएससी परीक्षा टाप करके तहलका मचा दिया था जिसके बाद वह कश्मीर प्रशासन में कई पदों पर असीन रहे मगर साथ ही सोशल मीडिया पर वह सरकार की नीतियों पर टिप्पणियां भी करते रहे।
सरकार ने जब छह महीने पहले अफ़सरों के लिए सोशल मीडिया पर राजनैतिक विचार व्यक्त करना प्रतिबंधित कर दिया तो वह छुट्टी लेकर अमरीका चले गए जहां उन्होंने फ़ुल ब्राइट स्कालरशिप के तहत मैनेजमेंट में डिग्री हासिल की।
शाह फ़ैसल ने अमरीका से भारत वापसी के चार दिन बाद कहा कि भारत में मुसलमानों के ख़िलाफ़ हो रही हिंदुत्ववादी हिंसा और कश्मीर में हो रही हत्याओं से मैं बहुत परेशान हूं इसलिए अब अफ़सरी का बोझ नहीं सहन कर सकता।
शाह फ़ैसल ने एक साक्षात्कार में कहा कि पहले में प्रशासन के माध्यम से लोगों की सेवा करता रहा अब राजनीति के ज़रिए अधिक बेहतर तरीक़े से सेवा कर सकूंगा।
शाह फ़ैसल उमर अब्दुल्लाह की पार्टी नेशनल कान्फ़्रेन्स में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने अलगाववादी संगठन हुर्रियत कान्फ़्रेन्स में शामिल न होने की वजह बताते हुए कहा कि मैंने एक बार गीलानी साहब की हुर्रियत में शामिल होने के बारे में सोचा मगर सवाल यह है कि मैं वहां करूंगा क्या?
चुनाव का वह लोग बहिष्कार करते हैं हालांकि कश्मीर में बदलाव चुनाव और क़ानन से ही लाया जा सकता है अतः मैं जहां तक संभव होग संसद में बैठ कर काम करुंगा। शाह फ़ैसला आगामी लोक सभा चुनाव में बारामौला से चुनाव लड़ेंगे।
36 साल के शाह फ़ैसल का जन्म श्रीनगर से 120 किलोमीटर उत्तर में लौलाब इलाक़े में हुआ। उनके पिता शिक्षक थे जिन्हें 25 साल पहले अज्ञात बंदूक़धारियों ने क़त्ल कर दिया था। शाह फ़ैसल की मां भी टीचर हैं।
साभार- ‘parstoday.com’
सरकार ने जब छह महीने पहले अफ़सरों के लिए सोशल मीडिया पर राजनैतिक विचार व्यक्त करना प्रतिबंधित कर दिया तो वह छुट्टी लेकर अमरीका चले गए जहां उन्होंने फ़ुल ब्राइट स्कालरशिप के तहत मैनेजमेंट में डिग्री हासिल की।
शाह फ़ैसल ने अमरीका से भारत वापसी के चार दिन बाद कहा कि भारत में मुसलमानों के ख़िलाफ़ हो रही हिंदुत्ववादी हिंसा और कश्मीर में हो रही हत्याओं से मैं बहुत परेशान हूं इसलिए अब अफ़सरी का बोझ नहीं सहन कर सकता।
शाह फ़ैसल ने एक साक्षात्कार में कहा कि पहले में प्रशासन के माध्यम से लोगों की सेवा करता रहा अब राजनीति के ज़रिए अधिक बेहतर तरीक़े से सेवा कर सकूंगा।
शाह फ़ैसल उमर अब्दुल्लाह की पार्टी नेशनल कान्फ़्रेन्स में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने अलगाववादी संगठन हुर्रियत कान्फ़्रेन्स में शामिल न होने की वजह बताते हुए कहा कि मैंने एक बार गीलानी साहब की हुर्रियत में शामिल होने के बारे में सोचा मगर सवाल यह है कि मैं वहां करूंगा क्या?
चुनाव का वह लोग बहिष्कार करते हैं हालांकि कश्मीर में बदलाव चुनाव और क़ानन से ही लाया जा सकता है अतः मैं जहां तक संभव होग संसद में बैठ कर काम करुंगा। शाह फ़ैसला आगामी लोक सभा चुनाव में बारामौला से चुनाव लड़ेंगे।
36 साल के शाह फ़ैसल का जन्म श्रीनगर से 120 किलोमीटर उत्तर में लौलाब इलाक़े में हुआ। उनके पिता शिक्षक थे जिन्हें 25 साल पहले अज्ञात बंदूक़धारियों ने क़त्ल कर दिया था। शाह फ़ैसल की मां भी टीचर हैं।
साभार- ‘parstoday.com’