जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे तब गुजरात में हुए एनकाउंटर की जस्टिस बेदी की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया गया था। जस्टिस बेदी जांच आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि गुजरात के 18 में से 15 एनकाउन्टर सच थे जबकि तीन मुठभेड़ फर्जी थे। जस्टिस एचएस बेदी ने 2002 से 2007 के दौरान एनकाउन्टर मामलों से जुड़ी 221 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है। जस्टीस बेदी ने विशेष रूप से कहा कि वलसाड में हाजी इस्माइल का एनकाउंटर भी फर्जी था।
हाजी इस्माइल के एनकाउंटर की घटना के दिन क्या हुआ था वह जस्टिस बेदी की रिपोर्ट से पता चलता है। हाजी इस्माइल 9 अक्टूबर 2005 को वलसाड के उमरगाँव से राष्ट्रीय धोरीमार्ग नंबर-8 से कार से गुजर रहा था। पीएसआई पराग व्यास और अन्य पुलिस को जानकारी मिली थी कि स्मगलिंग के काले कारोबार से जुड़ा हाजी इस्माइल कोई बड़ी वारदात अंजाम देने वाला है। पीएसआई व्यास और पीआई केजी एरडा ने उसको उंमरगाँव के करीब दबोचा।
कार के चालक ने पिस्तौल से गोली चलाई उस वक्त दोपहर का समय था। पुलिस ने हाजी इस्माइल को पकड़ लिया गया और एक कार में ले जाया गया और 3.05 के आसपास कार को रोक दिया और उसी दौरान पुलिस ने अपने बयान में कहा कि कार के चालक ने पिस्तौल से गोली चलाई और फिर पीआई के जी एरडा ने गोली चलाई। आमने-सामने फायरिंग हुई। इस्माइल पर 20 गोली दागी गई।
हाजी इस्माइल को 6 गोली मारी उस के बाद हाजी इस्माइल को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान शाम 7:30 से 9:30 के बीच उसकी मौत हो गई। उस समय, वलसाड के डीएसपीए ने कहा कि पुलिस दल ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की और मुठभेड़ को उचित और न्यायसंगत बताने की कोशिश की।
गुजरात में हुए सभी एनकाउंटर की जांच के लिए 2013 में जस्टिस बेदी ने जांच शुरू की। सभी गवाहों से जिरह की गई। इसके अलावा, फोरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा गया है। पुलिस संस्करण के अनुसार, इस्माइल को 6 गोली मारी गई थी, जिसमें से एक उसके शरीर में धंस गई थी और अन्य गोलियां आरपार हो गई थी। पीएम के दैरान इस्माइल के शरीर में से छह गोलियां निकाली गईं। जब एक गोली उसके शरीर में से निकाली नहीं जा सकी थी।
इस्माइल ने कोई गोली नहीं चलाई इस्माइल के शरीर में गोलियों के 6 निशाने पाए गए। पांच गोलियां काफी नजदीक से मारी गईं। दो फीट से कम पर ही गोली मारी गई। रिपोर्ट में इस तथ्य को ध्यान में रखा गया है।
पुलिस संस्करण के अनुसार, फायरिंग 17 फीट की दूरी पर की गई थी। इस तथ्य ने इस घटना को फर्जी मुठभेड़ साबित करने में मदद की है। जांच आयोग ने पाया की इस्माइल के शरीर से कोई नाइट्रेट के नमूने नहीं मिले। जिससे पता चलता है कि इस्माइल ने कोई गोली नहीं चलाई थी और किसी भी तरह की बंदूक उसके पास नहीं थी।
कोई बहुत बड़ा स्मगलर नहीं था जांच आयोग ने उल्लेख किया है कि हाजी इस्माइल कोई बहुत बड़ा स्मगलर नहीं था और उस की प्रवृत्तियों से समाज को कोई खतरा नहीं था।
जस्टिस बेदी के सामने, पुलिस इस्माइल के असामाजिक कार्यों के बारे में जानकारी देने में विफल रही। जस्टिस बेदी ने हाजी इस्माइल के फर्जी मुठभेड़ मामले में पीआई के जी एरडा, पीएसआई एलबी मोनापरा, पीएसआई जेएम यादव, पीएसआई एसके शाह और पीएसआई पराग व्यास के खिलाफ हत्या का मामला चलाने की सिफारिश की है।
हाजी इस्माइल के एनकाउंटर की घटना के दिन क्या हुआ था वह जस्टिस बेदी की रिपोर्ट से पता चलता है। हाजी इस्माइल 9 अक्टूबर 2005 को वलसाड के उमरगाँव से राष्ट्रीय धोरीमार्ग नंबर-8 से कार से गुजर रहा था। पीएसआई पराग व्यास और अन्य पुलिस को जानकारी मिली थी कि स्मगलिंग के काले कारोबार से जुड़ा हाजी इस्माइल कोई बड़ी वारदात अंजाम देने वाला है। पीएसआई व्यास और पीआई केजी एरडा ने उसको उंमरगाँव के करीब दबोचा।
कार के चालक ने पिस्तौल से गोली चलाई उस वक्त दोपहर का समय था। पुलिस ने हाजी इस्माइल को पकड़ लिया गया और एक कार में ले जाया गया और 3.05 के आसपास कार को रोक दिया और उसी दौरान पुलिस ने अपने बयान में कहा कि कार के चालक ने पिस्तौल से गोली चलाई और फिर पीआई के जी एरडा ने गोली चलाई। आमने-सामने फायरिंग हुई। इस्माइल पर 20 गोली दागी गई।
हाजी इस्माइल को 6 गोली मारी उस के बाद हाजी इस्माइल को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान शाम 7:30 से 9:30 के बीच उसकी मौत हो गई। उस समय, वलसाड के डीएसपीए ने कहा कि पुलिस दल ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की और मुठभेड़ को उचित और न्यायसंगत बताने की कोशिश की।
गुजरात में हुए सभी एनकाउंटर की जांच के लिए 2013 में जस्टिस बेदी ने जांच शुरू की। सभी गवाहों से जिरह की गई। इसके अलावा, फोरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा गया है। पुलिस संस्करण के अनुसार, इस्माइल को 6 गोली मारी गई थी, जिसमें से एक उसके शरीर में धंस गई थी और अन्य गोलियां आरपार हो गई थी। पीएम के दैरान इस्माइल के शरीर में से छह गोलियां निकाली गईं। जब एक गोली उसके शरीर में से निकाली नहीं जा सकी थी।
इस्माइल ने कोई गोली नहीं चलाई इस्माइल के शरीर में गोलियों के 6 निशाने पाए गए। पांच गोलियां काफी नजदीक से मारी गईं। दो फीट से कम पर ही गोली मारी गई। रिपोर्ट में इस तथ्य को ध्यान में रखा गया है।
पुलिस संस्करण के अनुसार, फायरिंग 17 फीट की दूरी पर की गई थी। इस तथ्य ने इस घटना को फर्जी मुठभेड़ साबित करने में मदद की है। जांच आयोग ने पाया की इस्माइल के शरीर से कोई नाइट्रेट के नमूने नहीं मिले। जिससे पता चलता है कि इस्माइल ने कोई गोली नहीं चलाई थी और किसी भी तरह की बंदूक उसके पास नहीं थी।
कोई बहुत बड़ा स्मगलर नहीं था जांच आयोग ने उल्लेख किया है कि हाजी इस्माइल कोई बहुत बड़ा स्मगलर नहीं था और उस की प्रवृत्तियों से समाज को कोई खतरा नहीं था।
जस्टिस बेदी के सामने, पुलिस इस्माइल के असामाजिक कार्यों के बारे में जानकारी देने में विफल रही। जस्टिस बेदी ने हाजी इस्माइल के फर्जी मुठभेड़ मामले में पीआई के जी एरडा, पीएसआई एलबी मोनापरा, पीएसआई जेएम यादव, पीएसआई एसके शाह और पीएसआई पराग व्यास के खिलाफ हत्या का मामला चलाने की सिफारिश की है।