उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव से पूर्व गठबन्धन की औपचारिक घोषणा दोनों पार्टियों के राष्ट्र अध्यक्ष द्वारा संयुक्त रूप से करी गई है,लेकिन इस घोषणा के बाद मुस्लिम समाज अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प.उ प्रदेश मुफ़्ती ओसामा इदरीस नदवी ने इस गठबंधन पर तीखे शब्दों में आलोचना करी है,और दोनों पार्टियों के फैसले को अहिंकारी बताया है।
मुफ़्ती ओसामा नदवी ने सपा बसपा का गठबंधन असल में ठगबंधन है क्योंकि दोनों पार्टियां मुसलमानों के वोट पर हमेशा सत्ता हासिल करती आयी हैं, लेकिन इस तथाकथित गठबंधन में मुस्लिम राजनीतिक दलों का कोई प्रधिनित्व नहीं दिख रहा है। जबकि कांग्रेस से कोई औपचारिक गठबंधन न होने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए दो सीटें छोड़ी गई हैं।
मुफ़्ती ओसामा नदवी ने कहा कि मुसलमानों को तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने हमेशा वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है। मुस्लिम समाज आज सत्ता में अपनी प्रभावी भागीदारी चाहता है। उत्तर प्रदेश में एमआइएम, राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल, पीस पार्टी जैसे तमाम राजनीतिक दल है, जो जमीनी सतह पर काम करें रहे हैं। इन्हें गठबंधन में उचित स्थान दें।
ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प.उ प्रदेश मुफ़्ती ओसामा इदरीस नदवी ने इस गठबंधन पर तीखे शब्दों में आलोचना करी है,और दोनों पार्टियों के फैसले को अहिंकारी बताया है।
मुफ़्ती ओसामा नदवी ने सपा बसपा का गठबंधन असल में ठगबंधन है क्योंकि दोनों पार्टियां मुसलमानों के वोट पर हमेशा सत्ता हासिल करती आयी हैं, लेकिन इस तथाकथित गठबंधन में मुस्लिम राजनीतिक दलों का कोई प्रधिनित्व नहीं दिख रहा है। जबकि कांग्रेस से कोई औपचारिक गठबंधन न होने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए दो सीटें छोड़ी गई हैं।
मुफ़्ती ओसामा नदवी ने कहा कि मुसलमानों को तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने हमेशा वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है। मुस्लिम समाज आज सत्ता में अपनी प्रभावी भागीदारी चाहता है। उत्तर प्रदेश में एमआइएम, राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल, पीस पार्टी जैसे तमाम राजनीतिक दल है, जो जमीनी सतह पर काम करें रहे हैं। इन्हें गठबंधन में उचित स्थान दें।