उत्तर प्रदेश के हापुड़ में कुछ राशन उपभोक्ताओं को राशन डीलर की नुक्ताचीनी की अधिकारियो से शिकायत करना इतना महंगा पड़ गया कि खाने के लाले पड़ गए।
डीलर ने उन्हें राशन देना ही बंद कर दिया। वहीं, राशन उपभोक्ता अधिकारियों के ऑफिस के चक्कर काटते फिरते रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि उनकी पीड़ा सुनने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही। जबकि डीलर उनसे कहता है कि मुसलमानों को राशन नहीं दूंगा।”
इसी सिलसिले में उपभोक्ताओं ने उपजिलाधिकारी के यहां जाकर फिर शिकायत की। उनका कहना है कि हम काफी सालों से राशन लेते आ रहे थे, लेकिन अब डीलर राशन देता नहीं है।
शिकायत भी की तो जाँच एआरओ जगन्नाथ राणा को दे दी गयी। राणा कुछ कर नहीं रहे हैं। पीड़ितों ने यह भी आरोप लगााया कि राणा ने डीलर से सांठ-गांठ कर मामले की रिपोर्ट प्रेषित कर दी,
जिसको लेकर हमारे पास लखनऊ से फ़ोन आया। हम पर जाचं से संतुष्ट होने का दवाब बनाया गया। हमारे मना करने पर एआरओ जगन्नाथ राणा ने हमारे राशन कार्ड भी निरस्त कर दिए। हम भूखे मर रहे हैं, क्योंकि राशन नहीं मिल रहा।
बता दें कि यह मामला थाना हापुड़ देहात क्षेत्र के मुरादपुर का है। कई मुस्लिम परिवारों ने एआरओ जग्गनाथ पर अपने मुंह का निवाला छीनने के आरोप लगाए हैं।
वहीं, राशन डीलर ने गाँव के कई परिवारों के राशन कार्ड ही रद्द कर दिए हैं। पांच माह से राशन ही नहीं दिया गया है। अब इस मामले में उपजिलाधिकारी सत्यपाल सिंह ने जाँच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। शिकायतकर्ताओं में नसरीन और तोहिद प्रमुख थे।