मेरठ: जहां गोक#शी जैसी अफवाह के बाद बवाल की खबर ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर दाग लगा दिया था, वहीं अब सांप्रदायिक सद्भाव का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने एक बार फिर से गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की है। अभी तक आप ने यही सुना होगा की फलाने मुसलमान ने मंदिर के लिए जमीन दान की है लेकिन अब आप देख भी लो मेरठ में एक मुसिल्म महिला ने मंदिर के लिए चंदा मांगने आए हिन्दू भाइयों को जमीन देने का ऐलान कर दिया। मुस्लिम महिला की जमीन पर मंदिर निर्माण का काम भी शुरू हो गया है।
बता दे उत्तर प्रदेश के मेरठ में यहां 67 साल की महिला अकबरी ने मंदिर बनाने के लिए अपंनी 150 गज जमीन दान कर दी। वो इससे पहले भी मस्जिद के लिए भी जमीन दान कर चुकी है। फिलहाल मंदिर के लिए दान की हुई जमीन पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। अकबरी के इस फैसले की आसपास के इलाके में काफी तारीफ हो रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला मेरठ-बागपत रोड पर स्थित मुस्लिम बहुल सिवालखास इलाके का है। जहां रिटायर्ड शिक्षक आस मोहम्मद ने बताया कि कुछ दिन पहले कस्बे के लोग मंदिर के लिए चंदा मांगने घर आये थे। तब वह घर पर मौजूद नहीं थे। जिसके बाद चंदा मांगने आये लोगों ने घर में मौजूद उनकी पत्नी से मंदिर की जमीन खरीदने और उसके निर्माण कार्य के लिए चंदा मांगा।
इस पर पत्नी अकबरी ने मंदिर बनाने के लिए उन्हें अपने खेत में से 150 गज जमीन देने का प्रस्ताव दिया। जिस पर अकबरी के पति और बेटे ने भी सहमति दे दी। दान में दी गयी जमीन की कीमत बाजार में 4 लाख की बताई जा रही है।
अकबरी ने दान की हुई जमीन से संबंधित शपथपत्र मास्टर राम गोपाल को सौंप दिया क्योंकि मंदिर निर्माण का कार्य राम गोपाल और रवींद्र शर्मा के संरक्षण में किया जाना तय हुआ है। इस मामले के बाबत अकबरी का कहना है कि वह अपने धर्म में पूरी तरह विश्वास रखती हैं। साथ ही दूसरे धर्मों की भी इज्जत करती हैं। और हिन्दू हो या मुसलमान सब भाई है।
इस लिए यह निर्णय लिया है। उन्होने कहा कि पहली बार उनके पास कोई मंदिर निर्माण के लिए चंदा मांगने आया था। उन्होंने मंदिर के लिए जमीन दे दी। बता दें कि मंदिर के लिए मुस्लिम महिला द्वारा जमीन दान करने का मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि मंदिर का निर्माण मस्जिद से करीब 100 गज की दूरी पर हो रहा है।
बता दे उत्तर प्रदेश के मेरठ में यहां 67 साल की महिला अकबरी ने मंदिर बनाने के लिए अपंनी 150 गज जमीन दान कर दी। वो इससे पहले भी मस्जिद के लिए भी जमीन दान कर चुकी है। फिलहाल मंदिर के लिए दान की हुई जमीन पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। अकबरी के इस फैसले की आसपास के इलाके में काफी तारीफ हो रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला मेरठ-बागपत रोड पर स्थित मुस्लिम बहुल सिवालखास इलाके का है। जहां रिटायर्ड शिक्षक आस मोहम्मद ने बताया कि कुछ दिन पहले कस्बे के लोग मंदिर के लिए चंदा मांगने घर आये थे। तब वह घर पर मौजूद नहीं थे। जिसके बाद चंदा मांगने आये लोगों ने घर में मौजूद उनकी पत्नी से मंदिर की जमीन खरीदने और उसके निर्माण कार्य के लिए चंदा मांगा।
इस पर पत्नी अकबरी ने मंदिर बनाने के लिए उन्हें अपने खेत में से 150 गज जमीन देने का प्रस्ताव दिया। जिस पर अकबरी के पति और बेटे ने भी सहमति दे दी। दान में दी गयी जमीन की कीमत बाजार में 4 लाख की बताई जा रही है।
अकबरी ने दान की हुई जमीन से संबंधित शपथपत्र मास्टर राम गोपाल को सौंप दिया क्योंकि मंदिर निर्माण का कार्य राम गोपाल और रवींद्र शर्मा के संरक्षण में किया जाना तय हुआ है। इस मामले के बाबत अकबरी का कहना है कि वह अपने धर्म में पूरी तरह विश्वास रखती हैं। साथ ही दूसरे धर्मों की भी इज्जत करती हैं। और हिन्दू हो या मुसलमान सब भाई है।