अस्सलाम वालेकुम नाज़रीन भाइयों और बहनों आज हम आपको बताएंगे 7 चीजें ऐसी जिनको कभी ना करें जिनके करने से आपकी जिंदगी तबाह बर्बाद हो जाएगी हज़रत अली रजि अल्लाहो अन्हो ने फरमाया कि 7 चीजें ऐसी जिनको करने से जिंदगी तबाह बर्बाद हो जाती है, तो आइए हज़रात हम आपको बताते हैं उन सात चीजों के बारे में। इसमें पहला है मां-बाप से बदतमीजी अगर तू चाहता है कि दुनिया में नाम और इज्जत कमाना और जो है और हर तरफ तेरी वाह वाह हो तो पहली चीज की अपनी मां बाप से बदतमीजी ना करें मां बाप के साथ अच्छा सलूक करें मां-बाप अल्लाह ताला की वो नेमत है.
जिन्होंने हमें पढ़ा लिखा कर काबिल बनाया और अच्छा बुरा समझने का फरक सिखाया और 10 लोगों के बीच में बैठने वाला बनाया कभी भी अपने मां बाप के साथ बदसलूकी ना करें ।मां बाप की हमेशा इज्जत कर इज्जत करो कभी बदसलूकी ना करो पलट कर जवाब ना दो अल्लाह ने फरमाया कि हम ने मां को 70 गुना ज्यादा मोहब्बत करने वाला बनाया तो कभी अपनी मां से बदतमीजी ना करे और बाप की शफकत को कभी चोट न पहुचाये। अल्लाह ताला हम सबको माँ बाप का फरमाबरदार बनाये।दूसरी चीज जो हजरत अली ने फरमाया कि कभी किसी पर जुल्म ना करो, ज़ुल्म करने वालो को अल्लाह कभी माफ नही करता आप जानते है फिरौन,अबुजहल इन सब को अल्लाह ने सख्त सख्त सज़ा दी और इनको कभी माफी न मिली।अल्लाह ताला से हमेशा दुआ करते रहना चाहिए अल्लाह हमे ज़ुल्म करने और ज़ालिम से नजात दे।
तीसरी चीज जो हजरत अली रज़ियल्लाहु अन्हु ने फरमाया कभी भी झूठ ना बोले झूठ तमाम गुनाहों की वालदा है माँ है तो हज़रात हमे कभी भी झूठ नही बोलना चाहिए। झूठे पर खुदा की लानत है आज से आप भी तहय्या कीजिए कि हम कभी भी झूठ नहीं बोलेंगे इंशाल्लाह। फिर फरमाया नशा नहीं करना चाहिए नाजरीन लोग नहीं समझते कि नशा कितनी बुरी चीज है, खानदान के खानदान उजाड़ देता है ,नस्लों को बर्बाद कर देता है। इसके बाद जो चीज है वह है ज़िना आज लोगों की शादियां इतनी लेट होरही।हज़रत अली कर दौर में ,हज़रत उमर के ,हज़रत उस्मान गनी के दौर में बालिग होते बच्चों की शादियां करदी जाती थी उस वक़्त बेहयाई आम नही थी आज दहेज मांगा जाता है वालदैन से इतनी बड़ी बड़ी तवक़्क़ो रखी जाती है कि आज रिश्ता करना मुश्किल होगया है ।
यही असल वजह है हमारे समाज मे बढ़ते हुए ज़िना की आपके रिज़्क़ का बहुत बड़ा दुश्मन है ज़िना हज़र अली ने मना फरमाया ज़िना नही करना कभी भी।इसके बाद तकब्बुर नही करना तकब्बुर और गुरूर बस 1 ही ज़ात के लिए है वो है अल्लाह की ज़ात।किस्सो और कहानियों में आपने सुना होगा गुरूर नही करना गुरुर करने वाले का सर हमेशा नीचा होता है अल्लाह ताला ने आपको दिया अच्छा घर, अच्छी बीवी ,अच्छी नौकरी तो अल्लाह का शुक्र अदा करें ना कि इस पर गुरुर करें अल्लाह ने फरमाया कि जो शुक्र करेगा उसे और दिया जाएगा।सातवी और आखिरी जो हज़रत अली ने फरमाई हराम नही खाना लोग हराम खाते है और कहते है दुआ कबूल नही होती सर को पीटते है, औलाद नाफरमान होती है ,समाज में इज़्ज़त नही होती लोग पसंद नही करते । हमे अल्लाह से माफ़ी मांगना चाइये। जो सात बुरे अमल हज़रत अली ने बताय अल्लाह हम सबको इससे बचाकर रखे आमीन।
जिन्होंने हमें पढ़ा लिखा कर काबिल बनाया और अच्छा बुरा समझने का फरक सिखाया और 10 लोगों के बीच में बैठने वाला बनाया कभी भी अपने मां बाप के साथ बदसलूकी ना करें ।मां बाप की हमेशा इज्जत कर इज्जत करो कभी बदसलूकी ना करो पलट कर जवाब ना दो अल्लाह ने फरमाया कि हम ने मां को 70 गुना ज्यादा मोहब्बत करने वाला बनाया तो कभी अपनी मां से बदतमीजी ना करे और बाप की शफकत को कभी चोट न पहुचाये। अल्लाह ताला हम सबको माँ बाप का फरमाबरदार बनाये।दूसरी चीज जो हजरत अली ने फरमाया कि कभी किसी पर जुल्म ना करो, ज़ुल्म करने वालो को अल्लाह कभी माफ नही करता आप जानते है फिरौन,अबुजहल इन सब को अल्लाह ने सख्त सख्त सज़ा दी और इनको कभी माफी न मिली।अल्लाह ताला से हमेशा दुआ करते रहना चाहिए अल्लाह हमे ज़ुल्म करने और ज़ालिम से नजात दे।
तीसरी चीज जो हजरत अली रज़ियल्लाहु अन्हु ने फरमाया कभी भी झूठ ना बोले झूठ तमाम गुनाहों की वालदा है माँ है तो हज़रात हमे कभी भी झूठ नही बोलना चाहिए। झूठे पर खुदा की लानत है आज से आप भी तहय्या कीजिए कि हम कभी भी झूठ नहीं बोलेंगे इंशाल्लाह। फिर फरमाया नशा नहीं करना चाहिए नाजरीन लोग नहीं समझते कि नशा कितनी बुरी चीज है, खानदान के खानदान उजाड़ देता है ,नस्लों को बर्बाद कर देता है। इसके बाद जो चीज है वह है ज़िना आज लोगों की शादियां इतनी लेट होरही।हज़रत अली कर दौर में ,हज़रत उमर के ,हज़रत उस्मान गनी के दौर में बालिग होते बच्चों की शादियां करदी जाती थी उस वक़्त बेहयाई आम नही थी आज दहेज मांगा जाता है वालदैन से इतनी बड़ी बड़ी तवक़्क़ो रखी जाती है कि आज रिश्ता करना मुश्किल होगया है ।
यही असल वजह है हमारे समाज मे बढ़ते हुए ज़िना की आपके रिज़्क़ का बहुत बड़ा दुश्मन है ज़िना हज़र अली ने मना फरमाया ज़िना नही करना कभी भी।इसके बाद तकब्बुर नही करना तकब्बुर और गुरूर बस 1 ही ज़ात के लिए है वो है अल्लाह की ज़ात।किस्सो और कहानियों में आपने सुना होगा गुरूर नही करना गुरुर करने वाले का सर हमेशा नीचा होता है अल्लाह ताला ने आपको दिया अच्छा घर, अच्छी बीवी ,अच्छी नौकरी तो अल्लाह का शुक्र अदा करें ना कि इस पर गुरुर करें अल्लाह ने फरमाया कि जो शुक्र करेगा उसे और दिया जाएगा।सातवी और आखिरी जो हज़रत अली ने फरमाई हराम नही खाना लोग हराम खाते है और कहते है दुआ कबूल नही होती सर को पीटते है, औलाद नाफरमान होती है ,समाज में इज़्ज़त नही होती लोग पसंद नही करते । हमे अल्लाह से माफ़ी मांगना चाइये। जो सात बुरे अमल हज़रत अली ने बताय अल्लाह हम सबको इससे बचाकर रखे आमीन।