बुलंदशहर में गोकशी के आरोप में पकड़े गए 4 युवकों पर पुलिस ने अब यू-टर्न लिया है। पुलिस का कहना है कि ये चारों युवक निर्दोष हैं।
साजिद, नन्हें, आसिफ़ और सर्फ़ुद्दीन को पहले गोकशी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। इन चारों को पुलिस ने बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज की शिकायत पर गिरफ़्तार किया था।
पुलिस का मानना है कि प्रथम दृष्टया ये लोग बेगुनाह हैं। पुलिस का कहना है कि वो अब इनकी रिहाई के लिए कोर्ट का रुख़ करेगी।
Indian Express की ख़बर के मुताबिक़ मामले की जाँच कर रही विशेष जाँच दल (SIT) द्वारा पहले गोकशी के आरोप में गिरफ़्तार 3 लोगों के साथ 1 और आरोपी को निर्दोष करार देने का फ़ैसला लिया गया है।
मामले में पुलिस का बयान-
बुलंदशहर के एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि, प्रथम दृष्टया हमने पाया है कि पहले गिरफ़्तार किए गए चारों लोग बेगुनाह हैं। इनको जेल से छुड़वाने के लिए हम कोर्ट जाएंगे।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि मंगलवार को पुलिस ने जिन 3 आरोपियों नदीम, रईस, और काला को पकड़ा है वही असली गुनहगार हैं। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपियों के पास से उसने गोमांस ले जाने के लिए इस्तमाल होने वाली गाड़ी और गोहत्या में इस्तमाल चाकू बरामद किया है।
क्या है मामला-
बीते 3 दिसम्बर को बुलंदशहर के में गोकशी की ख़बर के बाद बड़ी तादाद में इकट्ठा हुई भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया था। हिंसक भीड़ ने थाना स्याना पर हमला कर दिया और इसी हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी।
घटना की शुरुआत से ही योगी सरकार पर मामले में असंवेदशीलता बरतने का आरोप लगता रहा है। बुलंदशहर हिंसा के बाद सीएम योगी ने आला अफ़सरों के साथ बैठक की थी जिसमें उनका सारा ध्यान गोकशी पर था। इस बैठक से सुबोध कुमार की शहादत की ज़िक्र नदारद था।
बुलंदशहर हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 18 लोगों को गिरफ़्तार किया है। हिंसा का मुख्य आरोपी बजरंग दल का ज़िला संयोजक योगेश राज अब भी पुलिस की गिरफ़्त से बाहर है। हालांकि वो सोशल मीडिया पर अक्सर नज़र आता है।
हत्या के सबूत मिटाए जा रहे हैं- शहीद सुबोध की पत्नी
NDTV से बातचीत में हिंसा में शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने कहा है कि, ‘कोई भी ऐसा नहीं है जो ये बता सके कि आख़िर उस दिन क्या हुआ था। वो लोग अपने लोगों को बचा रहे हैं। धीरे-धीरे सारे सबूत मिटा रहे हैं।’
83 पूर्व नौकरशाहों ने मांगा योगी का इस्तीफ़ा-
बुलंदशहर में हुई हिंसा पर सूबे के 83 पूर्व अफ़सरों ने खुला ख़त लिखकर सीएम योगी आदित्यनाथ से इस्तीफ़े की मांग की है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ख़त में पूर्व नौकरशाहों का कहना है कि, ‘योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया, वो सिर्फ़ गोकशी पर ध्यान दे रहे हैं’
इसके साथ ही पूर्व नौकरशाहों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से बुलंदशहर घटना को संज्ञान में लेने और इसकी जाँच कराए जाने की अपील की है।
साजिद, नन्हें, आसिफ़ और सर्फ़ुद्दीन को पहले गोकशी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। इन चारों को पुलिस ने बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज की शिकायत पर गिरफ़्तार किया था।
पुलिस का मानना है कि प्रथम दृष्टया ये लोग बेगुनाह हैं। पुलिस का कहना है कि वो अब इनकी रिहाई के लिए कोर्ट का रुख़ करेगी।
Indian Express की ख़बर के मुताबिक़ मामले की जाँच कर रही विशेष जाँच दल (SIT) द्वारा पहले गोकशी के आरोप में गिरफ़्तार 3 लोगों के साथ 1 और आरोपी को निर्दोष करार देने का फ़ैसला लिया गया है।
मामले में पुलिस का बयान-
बुलंदशहर के एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि, प्रथम दृष्टया हमने पाया है कि पहले गिरफ़्तार किए गए चारों लोग बेगुनाह हैं। इनको जेल से छुड़वाने के लिए हम कोर्ट जाएंगे।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि मंगलवार को पुलिस ने जिन 3 आरोपियों नदीम, रईस, और काला को पकड़ा है वही असली गुनहगार हैं। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपियों के पास से उसने गोमांस ले जाने के लिए इस्तमाल होने वाली गाड़ी और गोहत्या में इस्तमाल चाकू बरामद किया है।
क्या है मामला-
बीते 3 दिसम्बर को बुलंदशहर के में गोकशी की ख़बर के बाद बड़ी तादाद में इकट्ठा हुई भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया था। हिंसक भीड़ ने थाना स्याना पर हमला कर दिया और इसी हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी।
घटना की शुरुआत से ही योगी सरकार पर मामले में असंवेदशीलता बरतने का आरोप लगता रहा है। बुलंदशहर हिंसा के बाद सीएम योगी ने आला अफ़सरों के साथ बैठक की थी जिसमें उनका सारा ध्यान गोकशी पर था। इस बैठक से सुबोध कुमार की शहादत की ज़िक्र नदारद था।
बुलंदशहर हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 18 लोगों को गिरफ़्तार किया है। हिंसा का मुख्य आरोपी बजरंग दल का ज़िला संयोजक योगेश राज अब भी पुलिस की गिरफ़्त से बाहर है। हालांकि वो सोशल मीडिया पर अक्सर नज़र आता है।
हत्या के सबूत मिटाए जा रहे हैं- शहीद सुबोध की पत्नी
NDTV से बातचीत में हिंसा में शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने कहा है कि, ‘कोई भी ऐसा नहीं है जो ये बता सके कि आख़िर उस दिन क्या हुआ था। वो लोग अपने लोगों को बचा रहे हैं। धीरे-धीरे सारे सबूत मिटा रहे हैं।’
83 पूर्व नौकरशाहों ने मांगा योगी का इस्तीफ़ा-
बुलंदशहर में हुई हिंसा पर सूबे के 83 पूर्व अफ़सरों ने खुला ख़त लिखकर सीएम योगी आदित्यनाथ से इस्तीफ़े की मांग की है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ख़त में पूर्व नौकरशाहों का कहना है कि, ‘योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया, वो सिर्फ़ गोकशी पर ध्यान दे रहे हैं’
इसके साथ ही पूर्व नौकरशाहों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से बुलंदशहर घटना को संज्ञान में लेने और इसकी जाँच कराए जाने की अपील की है।