दक्षिणपंथी हिंदूवादी विचारधारा वाला संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर अब मध्य प्रदेश में लगाम कसने वाली है। गौरतलब है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर कई बार आरोप लग चुके हैं कि वह आर एस एस के इशारों पर ही सरकार चला रही है। भारतीय जनता पार्टी में मौजूद ज्यादातर नेता आरएसएस के कार्यकर्ता है। किसी भी देश की सरकार लोकतंत्र से बनती है। लेकिन बीजेपी की कमान आरएसएस के हाथ है। जोकि लोकतंत्र के खिलाफ है।
कांग्रेस ने सरकार बनाते ही किया वादों को पूरा
अब खबर सामने आ रही है कि मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने के साथ-साथ आर एस एस की शाखाओं पर भी पाबंदी लगाने का काम शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र के प्वाइंट नंबर 47.62 में लिखा है कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती है तो शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखाएं लगाने पर प्रतिबंध लगाएंगे और शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों को शाखाओं में छूट दिए जाने वाले आदेश को निरस्त कर देंगे।
सीएम कमलनाथ ने आरएसएस शाखाओं को किया बैन
आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में शासकीय भवनों में लगने वाली आरएसएस की शाखाओं और सरकारी कर्मचारियों द्वारा उन शाखाओं में जाने पर बैन लगा दिया है।
वचन पत्र में कांग्रेस ने कही थी ये बात
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की पूर्व सरकार ने कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र में राज्य के आर एस एस शाखाओं पर बैन लगाने के वादे को गलत ठहराते हुए इसका विरोध भी किया था। वहीं कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना था कि कांग्रेस अपने इस वादे को पूरा करने में नाकामयाब साबित होगी।
आरएसएस देश में चला रही राजनीतिक एजेंडा
वहीँ मध्यप्रदेश चुनाव से कुछ वक़्त पहले देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने यह बयान दिया था कि आरएसएस के लोग इस बात से कितना भी इंकार कर लें। लेकिन हकीकत यही है कि आरएसएस एक राजनीतिक संगठन है और बीजेपी के साथ मिलकर अपना राजनीतिक एजेंडा पूरा कर रहा है।
कांग्रेस ने सरकार बनाते ही किया वादों को पूरा
अब खबर सामने आ रही है कि मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने के साथ-साथ आर एस एस की शाखाओं पर भी पाबंदी लगाने का काम शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र के प्वाइंट नंबर 47.62 में लिखा है कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती है तो शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखाएं लगाने पर प्रतिबंध लगाएंगे और शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों को शाखाओं में छूट दिए जाने वाले आदेश को निरस्त कर देंगे।
सीएम कमलनाथ ने आरएसएस शाखाओं को किया बैन
आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में शासकीय भवनों में लगने वाली आरएसएस की शाखाओं और सरकारी कर्मचारियों द्वारा उन शाखाओं में जाने पर बैन लगा दिया है।
वचन पत्र में कांग्रेस ने कही थी ये बात
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की पूर्व सरकार ने कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र में राज्य के आर एस एस शाखाओं पर बैन लगाने के वादे को गलत ठहराते हुए इसका विरोध भी किया था। वहीं कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना था कि कांग्रेस अपने इस वादे को पूरा करने में नाकामयाब साबित होगी।
आरएसएस देश में चला रही राजनीतिक एजेंडा
वहीँ मध्यप्रदेश चुनाव से कुछ वक़्त पहले देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने यह बयान दिया था कि आरएसएस के लोग इस बात से कितना भी इंकार कर लें। लेकिन हकीकत यही है कि आरएसएस एक राजनीतिक संगठन है और बीजेपी के साथ मिलकर अपना राजनीतिक एजेंडा पूरा कर रहा है।