दहेज़ लोभियों के लिए लड़का किसी बकरे से कम नहीं होता। उसके पालने-पोसने से लेकर पढ़ाई-लिखाई तक सारा खर्च करने के बाद जब बात लड़के की शादी की आती है तो उनकी कोशिश रहती है कि एक-एक पाई वसूल ली जाए। इसके लिए जब दहेज़ की बात आती है तो ऐसे लोग मोल-भाव करने से नहीं चूकते। लेकिन बदलते इस दौर में संजीव रंजन वर्मा जैसे लोग भी हैं जो दहेज़ ठुकराकर फ्री में शादी करते हैं।
दरअसल, जियो राजा के अनुसार, ये कहानी रोहित राज की है, जो सिविल इंजीनियर हैं और उन्होंने 20 लाख रुपये दहेज़ को इनकार कर शहर के एक प्राइवेट होटल में दीपिका सिन्हा से शादी कर ली। रोहित देवघर में सिविल इंजीनियर हैं तो दीपिका मास कम्युनिकेशन की स्टूडेंट रही हैं। रोहित के घरवाले और पड़ोसी बताते हैं कि जैसे ही रोहित इंजीनियर बना, उसकी शादी के ऑफर आने लगे और इसमें तगड़ी बोली भी लगनी शुरू हो गई। हद तो तब हो गई जब एक सज्जन ने 20 लाख दहेज का ऑफर कर दिया। लेकिन परिवार को ये रास नहीं आया और उन्होंने बिना दहेज़ की शादी करना पसंद किया।
रोहित के पिता संजीव रंजन वर्मा बताते हैं कि रोहित उनका बड़ा लड़का है और मोहित छोटा। मोहित हाईकोर्ट में वकील है। उनके बेटी न होने की वजह से उन्होंने संकल्प लिया कि वे अपनी बहुयें बेटी के रुप में घर लाएंगे। वहीँ, दीपिका के पिता पवन कुमार पंकज जमशेदपुर में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। उनका बेटा बेंगलुरु में इंजीनियर है। वहीं उनकी एक ही बेटी दीपिका है। पंकज कुमार बताते हैं कि जब लड़के पक्ष के लोगों ने शादी में दहेज ठुकराया तो उन्होंने बेतिया में ही एक होटल में बारातियों के खाने पीने की समुचित व्यवस्था कर दी ताकि किसी बाराती को कोई असुविधा न हो पाए। वाकई ऐसे समय में जब दहेज़ लोगों के लिए मुसीबत बन रहा है ऐसे में रोहित का परिवार उनके लिए एक मिसाल है जिसने बिन दहेज़ के शादी की है।
दरअसल, जियो राजा के अनुसार, ये कहानी रोहित राज की है, जो सिविल इंजीनियर हैं और उन्होंने 20 लाख रुपये दहेज़ को इनकार कर शहर के एक प्राइवेट होटल में दीपिका सिन्हा से शादी कर ली। रोहित देवघर में सिविल इंजीनियर हैं तो दीपिका मास कम्युनिकेशन की स्टूडेंट रही हैं। रोहित के घरवाले और पड़ोसी बताते हैं कि जैसे ही रोहित इंजीनियर बना, उसकी शादी के ऑफर आने लगे और इसमें तगड़ी बोली भी लगनी शुरू हो गई। हद तो तब हो गई जब एक सज्जन ने 20 लाख दहेज का ऑफर कर दिया। लेकिन परिवार को ये रास नहीं आया और उन्होंने बिना दहेज़ की शादी करना पसंद किया।
रोहित के पिता संजीव रंजन वर्मा बताते हैं कि रोहित उनका बड़ा लड़का है और मोहित छोटा। मोहित हाईकोर्ट में वकील है। उनके बेटी न होने की वजह से उन्होंने संकल्प लिया कि वे अपनी बहुयें बेटी के रुप में घर लाएंगे। वहीँ, दीपिका के पिता पवन कुमार पंकज जमशेदपुर में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। उनका बेटा बेंगलुरु में इंजीनियर है। वहीं उनकी एक ही बेटी दीपिका है। पंकज कुमार बताते हैं कि जब लड़के पक्ष के लोगों ने शादी में दहेज ठुकराया तो उन्होंने बेतिया में ही एक होटल में बारातियों के खाने पीने की समुचित व्यवस्था कर दी ताकि किसी बाराती को कोई असुविधा न हो पाए। वाकई ऐसे समय में जब दहेज़ लोगों के लिए मुसीबत बन रहा है ऐसे में रोहित का परिवार उनके लिए एक मिसाल है जिसने बिन दहेज़ के शादी की है।