मुरादाबाद में महिला पशु चिकित्साधिकारी का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि पशु चिकित्साधिकारी ने ग्रामीणों को गोमांस का डर दिखाकर उनसे 30 हजार रुपये की रिश्वत ली थी।
रिश्वत लेते हुए पशु चिकित्साधिकारी का किसी ने वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया। वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, काशीपुर तिराहे पर पुलिस ने सक्टू नगला गांव निवासी एक युवक को पकड़ा था, जो घर में दावत के लिए 5 किलो मीट लेकर जा रहा था।
पुलिस ने मीट को देख कर गौमांस होने का अंदेशा जताया। युवक ने रसीद दिखाकर बताया कि यह गौमांस नहीं है, बल्कि भैंस का मीट है, जिसके बाद मीट की जांच के आदेश पशु चिकित्सक डॉ. सुमन को दे दी गई थी।
बताया जा रहा है कि बीते डेढ़ साल में दलपतपुर की पशु चिकित्सक डॉ.सुमन के कारनामों की सूची लंबी है। उनके क्रिया-कलापों से विभागीय अधिकारी भी असंतुष्ट थे।
कई बार वह अपने उच्च अधिकारियों के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के साथ ही वाद-विवाद करती थीं, जिसके चलते विभागीय अफसरों ने बात करना बंद कर दिया था।
मामला सामने आने के बाद ग्रामीणों ने भी बोलना अब शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पशु चिकित्सक रसोई में घुसकर पक रहे भोजन तक की जांच करने लगती थीं। कई बार ऐसे मौके आए जब उन्होंने पके हुए भोजन को थाली में डालकर देखा।
ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी अफसर होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करते थे। लोगों का आरोप है कि पशु चिकित्सक की वजह से लोगों ने घर में मीट खाना बंद कर दिया था, जो भी मीट खरीदकर लाता था। उसे रास्ते में पकड़कर रिश्वत वसूलने का काम करती थीं और शिकायत करने पर कहीं सुनवाई नहीं होती थी।
रिश्वत लेते हुए पशु चिकित्साधिकारी का किसी ने वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया। वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस ने मीट को देख कर गौमांस होने का अंदेशा जताया। युवक ने रसीद दिखाकर बताया कि यह गौमांस नहीं है, बल्कि भैंस का मीट है, जिसके बाद मीट की जांच के आदेश पशु चिकित्सक डॉ. सुमन को दे दी गई थी।
बताया जा रहा है कि बीते डेढ़ साल में दलपतपुर की पशु चिकित्सक डॉ.सुमन के कारनामों की सूची लंबी है। उनके क्रिया-कलापों से विभागीय अधिकारी भी असंतुष्ट थे।
कई बार वह अपने उच्च अधिकारियों के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के साथ ही वाद-विवाद करती थीं, जिसके चलते विभागीय अफसरों ने बात करना बंद कर दिया था।
मामला सामने आने के बाद ग्रामीणों ने भी बोलना अब शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पशु चिकित्सक रसोई में घुसकर पक रहे भोजन तक की जांच करने लगती थीं। कई बार ऐसे मौके आए जब उन्होंने पके हुए भोजन को थाली में डालकर देखा।
ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी अफसर होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करते थे। लोगों का आरोप है कि पशु चिकित्सक की वजह से लोगों ने घर में मीट खाना बंद कर दिया था, जो भी मीट खरीदकर लाता था। उसे रास्ते में पकड़कर रिश्वत वसूलने का काम करती थीं और शिकायत करने पर कहीं सुनवाई नहीं होती थी।