एक बार नबी ए पाक मुहम्मद मुस्तफाﷺ मस्जिदें नबवी मे जोहर कि नमाज का वुजु बना रहे थे.. इतने मैं एक सहाबी हजरते सलमान फारसी. रोते हुए आये. हमारे नबी ने फरमाया ऎ सलमान रोते क्यो हो ..सलमान फारसी ने फरमाया ए मेरे नबी मेरा एक जवान बेटा है
जो बहुत बीमार है मुझे डर है कि मै नमाज पढ के घर जाऊँ और कहीँ मेरा बेटा अल्लाह को प्यारा न हो जाए..इसिलिये मै रो रहा हुँ.सलमान फारसी की बात सुनकर हमारे नबी ने फरमाया ऎ सलमान एक पानी का भरा हुवा प्याला लाओ..अब आयतुल कुर्सी मै भी पढता हुँ .. और तुम भी पढो .. फिर इस पानी मे फूंक मारो..लिहाजा पानी मे फूंक मारनेके बाद हमारे नबी ने वो प्याला सलमान फारसी को देकर फरमाया सलमान घर जाओ ओर ये पानी अपने बेटे को पीला दो.सलमान फारसी घर गये ओर बाहर से ही पानी का प्याला घरवालोँ को देकर नमाज पढने की फिक्र मे वापस मसजिदे नबवी आये..उनको फिक्र ये थी कि कहीँ मेरी नमाज छुट न
जाए ..नमाज के बाद हमारे नबी ने जैसे ही सलाम फेरा ..अभी दुआ बाकी थी.. सलमान फारसी फौरन अपने बेटे की फिक्र मे खडे हो कर जाने लगे..कुछ कदम आगे चलने के बाद सलमान फारसी के कदम वहीँ रुक गये ..उन्होने देखा की आखरी सफ मेउनका बेटा नमाज पढ रहा था.हमारे नबी ने सलमान फारसी के सामने देखा और मुसकुराने लगे सलमान फारसी के आखोँ मे आँसु आए ..हमारे नबी ने सलमान फारसी से फरमाया ऎ सलमान क्या तु ये समझा कि तेरा बेटा अल्लाह को प्यारा हो जाएगा ..दुनिया की सारी दवाए, जहाँ काम करना बँद करते है ..वहीँ से तो आयतुल कुर्सी अपना काम शुरु करती है..मैने आयतुल कुर्सी पढा ऎ सलमान तुने आयतुल कुर्सी पढा. और कयामत तक आने वाले मेरे जो भी उम्मती आयतल कुर्सी पढकर पानी पे दम करके पीएगा इंशा अल्लाह, अल्लाह फौरन उसे शीफा देगा... नमाज इस लिए ना पडो की मुझे जननत में जाना है,अौर ना इस लिए पडो की मुझे जहन्नम से बचना है ,बलके इस लिए पडो की "मेरा रब इबादत के काबील है"
आयतुल कुर्सी पढ़ने की फ़ज़ीलत
*घर से निकलते वक़्त पढोगे तो 70,000 फ़रिश्ते हर तरफ से आपकी हिफाज़त करेंगे !
आमिन
घर में दाखिल होते वक़्त पढोगे तो आपके घर से
मोहताजी दूर होगी !
सुबहानअल्लाह
जो बहुत बीमार है मुझे डर है कि मै नमाज पढ के घर जाऊँ और कहीँ मेरा बेटा अल्लाह को प्यारा न हो जाए..इसिलिये मै रो रहा हुँ.सलमान फारसी की बात सुनकर हमारे नबी ने फरमाया ऎ सलमान एक पानी का भरा हुवा प्याला लाओ..अब आयतुल कुर्सी मै भी पढता हुँ .. और तुम भी पढो .. फिर इस पानी मे फूंक मारो..लिहाजा पानी मे फूंक मारनेके बाद हमारे नबी ने वो प्याला सलमान फारसी को देकर फरमाया सलमान घर जाओ ओर ये पानी अपने बेटे को पीला दो.सलमान फारसी घर गये ओर बाहर से ही पानी का प्याला घरवालोँ को देकर नमाज पढने की फिक्र मे वापस मसजिदे नबवी आये..उनको फिक्र ये थी कि कहीँ मेरी नमाज छुट न
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आयतुल कुर्सी पढ़ने की फ़ज़ीलत
*घर से निकलते वक़्त पढोगे तो 70,000 फ़रिश्ते हर तरफ से आपकी हिफाज़त करेंगे !
आमिन
घर में दाखिल होते वक़्त पढोगे तो आपके घर से
मोहताजी दूर होगी !
सुबहानअल्लाह