काफी समय से ऐसा बहुत देखा जा रहा है की अमेरिका में महिलाओं की तीन टुकड़ी है। एक तो जो अमेरिकन हैं, दूसरी लैटिना और तीसरी मुसलमान। और साथ ही साथ यह भी पाया गया है की लैटिना महिलाऐं जो हैं वह बहुत ही तेज़ी से इस्लाम धर्म को अपना रहीं हैं।
इन सबसे बड़ी बात यह है की वह ऐसा आखिर क्यू कर रहीं हैं वह इस्लाम धर्म को क्यों अपना रही हैं…….?
यह जानने के लिए हम ऐसे लोगों के पास गए जो ऐसे ही लोग है जिन्होंने ने अभी अभी ही इस्लाम क़ुबूल किया है।
गाब्रिएला:
मेरा नाम गाब्रिएला है और मेरी उम्र 21 साल है, ‘इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिसस्ने मुझे सुकून दिया और यहां तक की एक समय ऐसा था की मैं आत्महत्या तक करने वाली थी। लेकिन आज मैं इस्लाम धर्म की ही वजह से ज़िंदा हूँ और मुझको इस्लाम ने ही अपनी जान को खोने से बचाया है। मेरे पास कुछ नहीं था मेरे पास ऐसे बहुत से कारण थे जिनकी वजह से मैं टूट चुकी थी।’
इन सबसे बड़ी बात यह है की वह ऐसा आखिर क्यू कर रहीं हैं वह इस्लाम धर्म को क्यों अपना रही हैं…….?
यह जानने के लिए हम ऐसे लोगों के पास गए जो ऐसे ही लोग है जिन्होंने ने अभी अभी ही इस्लाम क़ुबूल किया है।
गाब्रिएला:
मेरा नाम गाब्रिएला है और मेरी उम्र 21 साल है, ‘इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिसस्ने मुझे सुकून दिया और यहां तक की एक समय ऐसा था की मैं आत्महत्या तक करने वाली थी। लेकिन आज मैं इस्लाम धर्म की ही वजह से ज़िंदा हूँ और मुझको इस्लाम ने ही अपनी जान को खोने से बचाया है। मेरे पास कुछ नहीं था मेरे पास ऐसे बहुत से कारण थे जिनकी वजह से मैं टूट चुकी थी।’
मेरे माता पिता दोनों ही अलग अलग देशों से हैं। मेरी माँ निकारागुआ और मेरे पिता क्यूबा से हैं। मेरा परिवार एक ईसाई धर्म को मानता है। और मैं भी एक ईसाई धर्म को ही मानती थी। अमेरिका एक ऐसा देश है जहां पर बहुत से ऐसे लोग हैं जो की अलग – अलग देशों से आए हुए हैं। यहां पर एक बीच भी है और मैं यहां पर हमेशा आती हु और मुहको ये जगह बहुत पसंद है क्यूंकि मैं हमेशा से ही यही रही हूँ।
मुझको याद है जब मैंने इस्लाम नहीं क़ुबूल किया था तब मैं छोटे कपड़े पहन कर के बीच में जाती थी पर अब भी मैं बीच पर जाती हूँ पर मैं अब वैसे कपड़े पहन कर नहीं जाती। मेरे कपडे ऐसे होते हैं जिनसे मेरा शरीर ढाका हुआ होता है। क्यूंकि इस्लाम हमको शीलता सिखाता है। इस्लाम हमको किसी के सामने किस तरह से रहना चाहिए यह सिखाता है। और इस्लाम में आने के बाद मैंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
स्टेफनी लोन्दोनो:
स्टेफनी लोन्दोनो जो की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर और शोधकर्ता भी हैं। यह भी लैटिना महिलाओं के इस्लाम अपनाने पर रिसर्च कर रही हैं और यह जानने की कोशिश कर रहीं हैं की आखिर क्या वजह है जो लैटिना महिलाए इस्लाम को अपना रहीं हैं।
स्टेफनी लोन्दोनो जो की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर और शोधकर्ता भी हैं। यह भी लैटिना महिलाओं के इस्लाम अपनाने पर रिसर्च कर रही हैं और यह जानने की कोशिश कर रहीं हैं की आखिर क्या वजह है जो लैटिना महिलाए इस्लाम को अपना रहीं हैं।
स्टेफनी बोलती हैं की, ‘यह जानना काफी दिलचस्प है की कोई आखिर क्यों किसी ऐसे धर्म को इतनी तेज़ी से अपना रहा है जिसकी छवि खराब है? सिर्फ आतंकवाद की ही बात न करे तो कहा जाता है की इस धर्म में कट्टरपंथ भी बहुत है। हालांकि ऐसा कुछ नहीं है। अभी कुछ दिन पहले ही राष्ट्रपति ट्रम्प का ये ऐलान हुआ था की अमेरिका में मुसलमान लोगो की एंट्री को बंद कर दिया जाएगा और साथ ही एक न्यूज़ चैनल में यह तक कहा गया था की हमको मुसलमानों को मार देना चाहिए क्यूंकि वह हमको मारते हैं।’
स्टेफनी बोलती हैं की, ‘मैंने गाब्रिएला के बारे में पता किया है और उनके इस्लाम क़ुबूल करने की कोई छोटी वजह नहीं है। उनके लिए इस्लाम को अपनाना जैसे की एक जीवन को बदलने वाला फैसला था।’
गाब्रिएला कहतीं हैं की, ‘हां मुझको पता था की यह बहुत मुश्किल होने वाला है क्यूंकि मुझको नहीं पता था की लोग इस पर कैसी प्रतिक्रिया देंगे की मैंने इस्लाम को अपना लिया है। मेरा एक बॉयफ्रेंड था और मैं आगे चल कर गर्भवती भी हो गई पर फिर मैंने फैसला लिया की मैं गर्भपात करा लुंगी। और यह मेरे लिए बहुत ही ज़्यादा मुश्किल फैसला और बहुत ही ज़्यादा कठिन फैसला था।
एक दिन मुझको मेरी एक दोस्त मिली और वो मुझको बताने लगी की तुम एक बार इस्लाम के बारे में जान कर देखो इस्लाम में बहुत सुकून है। साथ ही इस्लाम को दिल से क़ुबूल करने पर ईश्वर हर गुनाहों को माफ़ कर देता है। और मैंने फिर इस्लाम के बारे में जाना और मुझे ऐसा लगा की मुझको यही तो चाहिए था और अब ऐसा है की मुझको मेरी गलतियों का खेद है और मैं जो मर सी गई थी लेकिन मैं अब फिर से ज़िंदा हूँ।
एक समय था जब मैं सब चीज़ों से हार मान चुकी थी और मैं आत्महत्या करना चाहती थी। लेकिन उस बुरे समय से मुझको इस्लाम ने ही बचाया है। मैं ये कहूँगी की इस्लाम ही मेरे पास एक ऐसी चीज़ है जो मुझको लगता है की मेरी है। मैं अब यह गर्व से कह सकती हूँ की मैं एक मुसलमान हूँ और मैं अब बहुत हल्का और खुश महसूस कर रही हूँ।’
यूएस में इस समय 33 लाख मुसलमान हैं पूरी दुनिया में लगभग 5.5 करोड़ लैटिना महिलाएं हैं। जिनमें से 2 लाख लैटिना महिलाऐ यूएस में रहती है जिनमें से 90% लैटिना ने अन्य धर्मों को छोड़ कर इस्लाम को अपनाया है। हमने फ्लोरिडा की एक मस्जिद में कई महिलाओं से बात की तो उनमें से एक महिला ने बताया की, ‘इस्लाम सिर्फ अरब देश के लोगों के लिए नहीं है इस्लाम हर इंसान के लिए है। और मैंने मुसलमान होना सिर्फ एक कल्चर की ही तरह नहीं न किसी के दबाव में, मैंने इस्लाम को अपने खुद के फैसले से हुई हूँ।’
स्टेफनी कहती हैं की, ‘इस्लाम कहीं नहीं जा रहा है और इस्लाम धरती पर सबसे तेज़ फैलने वाला धर्म है और इसी वजह से इस्लाम दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। हम ऐसा अमेरिका में देख सकते हैं की अलग – अलग देशों की महिलाएं हैं जो की मुसलमान हैं और यही बताता है की इस्लाम हर जगह है। और यह देखने में बहुत अच्छा लगता है की मुसलमान महिलाऐं हिजाब पहनती हैं जो की शीलता और अदब को दर्शाता है।
गाब्रिएला कहती हैं की, ‘आज के समाज को देख कर फिर भी एक तरह का डर बना रहता है की हम लोग हिजाब पहनते है और कुछ लोगो की सोच इस्लाम को लेकर अब भी बहुत गलत है। लेकिन अगर मैं अपने धर्म पर डटी हुई हूँ तो मुझको डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। मैंने कभी सोचा नहीं था की मैं इस्लाम को अपने धर्म की तरह अपनाउंगी पर अब जब मैंने इस्लाम को अपना लिया है तो मुझको इस बात पर बहुत गर्व है। क्यूंकि इस्लाम मेरे पास तब आया जब मुझको सबसे ज़्यादा इस्सकी ज़रूरत थी।’