तेलंगाना विधानसभा चुनाव के बाद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन तेजी से अपने देश भर के अंदर पैर पसार रही है इसी को लेकर अब एक नई खबर सामने आ रही है।
पिछले दिन ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ने की खबर के बाद से लगातार अनुमान लगाया जा रहा था कि असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन की उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने असदुद्दीन ओवैसी को उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने के लिए अनुरोध भी किया था जिससे कि जिससे कि यूपी में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन को मजबूत किया जा सके।
यूपी के अंदर अपनी मजबूत पेट बैठाने के लिए अब एम आई एम नया दाव चल सकती है माना जा रहा है कि असदुद्दीन ओवैसी के साथ ही उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी की यूपी से चुनाव लड़ सकते हैं अगर ऐसा होता है तो दोनों भाई मिलकर कांग्रेस और सपा बसपा गठबंधन को तगड़ा झटका दे सकते हैं।
माना जा रहा है कि अकबरुद्दीन ओवैसी और असदुद्दीन ओवैसी दोनों ही भाई उत्तर प्रदेश में मुस्लिम बहुल सीट पर लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं जिसमें सहारनपुर, संभल, बरेली, मुजफ्फरनगर और अजमगढ़ की सीटें शामिल है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के कार्यकर्ता पिछले काफी समय से लगातार उत्तर प्रदेश के अंदर अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं साथ ही साथ सदस्यता अभियान के जरिए लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
इन सब बातों को देखकर लगता है कि 2019 में अकबरुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन सपा बसपा और कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी करने जा रही है।
हाल ही में सपा बसपा गठबंधन के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के गठबंधन की भी खबरें सामने आ रही थी लेकिन अभी तक इस गठबंधन की कोई भी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।
क्या है अकबरुद्दीन ओवैसी की खासियत
आपको बता दें अकबरुद्दीन ओवैसी ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के फायर ब्रांड नेता के रूप में जाने जाते हैं साथ ही साथ अकबरुद्दीन ओवैसी की मुस्लिम नौजवानों में खांसी पकड़ भी मानी जाती है।
सोशल मीडिया पर भी अकबरुद्दीन ओवैसी की दीवानगी देखने को मिलती है हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने तेलंगाना के अंदर शानदार प्रदर्शन किया था इसमें अकबरुद्दीन ओवैसी की भूमिका अहम मानी जा रही थी।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने तेलंगाना के अंदर रोड शो कर युवाओं को ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन से जोड़ा और पार्टी को बड़ी कामयाबी दिलाई जिसको देखते हुए लगता है कि अकबरुद्दीन ओवैसी के कंधों पर उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी असदुद्दीन ओवैसी जल्द सौंप सकते हैं और लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंक सकते हैं।
पिछले दिन ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ने की खबर के बाद से लगातार अनुमान लगाया जा रहा था कि असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन की उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने असदुद्दीन ओवैसी को उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने के लिए अनुरोध भी किया था जिससे कि जिससे कि यूपी में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन को मजबूत किया जा सके।
यूपी के अंदर अपनी मजबूत पेट बैठाने के लिए अब एम आई एम नया दाव चल सकती है माना जा रहा है कि असदुद्दीन ओवैसी के साथ ही उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी की यूपी से चुनाव लड़ सकते हैं अगर ऐसा होता है तो दोनों भाई मिलकर कांग्रेस और सपा बसपा गठबंधन को तगड़ा झटका दे सकते हैं।
माना जा रहा है कि अकबरुद्दीन ओवैसी और असदुद्दीन ओवैसी दोनों ही भाई उत्तर प्रदेश में मुस्लिम बहुल सीट पर लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं जिसमें सहारनपुर, संभल, बरेली, मुजफ्फरनगर और अजमगढ़ की सीटें शामिल है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के कार्यकर्ता पिछले काफी समय से लगातार उत्तर प्रदेश के अंदर अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं साथ ही साथ सदस्यता अभियान के जरिए लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
इन सब बातों को देखकर लगता है कि 2019 में अकबरुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन सपा बसपा और कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी करने जा रही है।
हाल ही में सपा बसपा गठबंधन के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के गठबंधन की भी खबरें सामने आ रही थी लेकिन अभी तक इस गठबंधन की कोई भी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।
क्या है अकबरुद्दीन ओवैसी की खासियत
आपको बता दें अकबरुद्दीन ओवैसी ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के फायर ब्रांड नेता के रूप में जाने जाते हैं साथ ही साथ अकबरुद्दीन ओवैसी की मुस्लिम नौजवानों में खांसी पकड़ भी मानी जाती है।
सोशल मीडिया पर भी अकबरुद्दीन ओवैसी की दीवानगी देखने को मिलती है हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने तेलंगाना के अंदर शानदार प्रदर्शन किया था इसमें अकबरुद्दीन ओवैसी की भूमिका अहम मानी जा रही थी।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने तेलंगाना के अंदर रोड शो कर युवाओं को ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन से जोड़ा और पार्टी को बड़ी कामयाबी दिलाई जिसको देखते हुए लगता है कि अकबरुद्दीन ओवैसी के कंधों पर उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी असदुद्दीन ओवैसी जल्द सौंप सकते हैं और लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंक सकते हैं।