एक फरवरी को पूरी दुनिया मे हिजाब डे मनाया जाता है। उधर कुछ नारीवादी लोग जब बुर्के के विरोध मे प्रदर्शन कर रहे थे एसे मे बॉलीवूड की अभिनेत्री श्रद्धा कपूर बुर्का पहनकर अपनी एक 13 साल की प्र्सशंसक जो की भयंकर टीबी से जूझ रही है से मिलने पहुँच गयी । जिसकी वजह से वो नारीवादियों ओर धार्मिक कट्टर लोगो के निशाने पर आ गयी है।
बॉलीवूड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर ने फिल्मों में अपने अभिनय से काफी लोगों का दिल जीता है। लेकिन इस बार उन्होंने फिल्मों से हटकर रियल लाइफ में ऐसा काम किया है कि लोग उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। हाल ही में श्रद्धा कपूर टीबी की बीमारी से जूझ रही 13 साल की लड़की सौम्या शेख से मिलने मुंबई के केम अस्पताल पहुंच गईं। सौम्या की ये इच्छा थी कि वो अपनी पसंदीदा अभिनेत्री श्रद्धा कपूर से मिलना चाहती हैं।
जैसे ही इस बच्ची की इच्छा का पता अस्पताल वालों को चला तो उन्होंने तुरंत श्रद्धा कपूर को ट्वीट कर ये बात उन तक पहुंचाई। श्रद्धा ने इस ट्वीट का तुरंत जवाब देते हुए लिखा कि, मैं उस बच्ची से मिलना चाहती हूं। मुझे बताइए मुलाकात कैसे हो सकती है। श्रद्धा अपने बिजी शेड्यूल से समय निकालकर उस बच्ची से मिलने अस्पताल पहुंचीं लेकिन वो किसी बॉडीगार्ड को लिए बिना ही वहां पहुंचीं। वो बुर्का पहनकर वहां गई थीं।
श्रद्धा ने अपने इंस्टाग्राम अकांउट पर सुमय्य शेख के साथ तस्वीर भी शेयर की और साथ ही कैप्शन में लिखा, मैं आज बहुत खुश हूं क्योंकि कि मैं सौम्या से अस्पताल जाकर मिल पाई। इतनी प्यारी नन्ही परी है। मैं उसके जल्द ठीक होने की प्रार्थना करती हूं। उन्होंने आगे ये भी लिखा कि अगर वो किसी तरह की मदद उसकी कर सकेंगी तो जरूर करना चाहेंगी।
बुर्के के साथ श्र्द्धा को देखकर कट्टर धार्मिक ओर नारीवादी लोग भड़क गए। उनको ट्विट्टर पर भद्दी भद्दी गालियां दी जा रही है। जो की बहुत ही शर्मनाक है। किसी भी व्यक्ति को संविधान उसकी इच्छा के अनुसार जीवन व्यतीत करने की स्वतन्त्रता देता है तो। इसके अंतर्गत उसका पहनावा क्या होना चाहिए ये व्यक्ति की खुदकी पसंद है। इसपर दूसरे लोग क्यों हो हल्ला करते है समझ नहीं आता।
आपको बताते चले की, बुर्का को नारीवादी लोग गुलामी का प्रतीक मानते है, जबकि हमारा मानना है 21 वीं शताब्दी मे कोई भी महिला गुलाम नहीं हो सकती । बुर्का एक परिधान है जो की कोई भी स्वतंत्र होकर पहन सकता है। क्या नारीवादी लोग आपे आसपास एसी महिलाओं को नहीं देखते जो स्वेछा से इस परिधा को पहनती हैं
ओर जो लोग धार्मिक कट्टर होने के नाते श्रद्धा को गालियां दे रहे हैं वास्तव मे अपने धर्म को नीचा दिखा रहे हैं। इन लोगो का कहना है की श्रद्धा ने धर्म परिवर्तन कर लिया है । जबकि एसे नहीं है, बात सिर्फ इतनी है की श्रद्धा हो सुमय्या से मिलना था जिसके लिए उन्होने अस्पताल मे अफरातफरी न मचे इसलिए बुर्के का सहारा लिया।
हालांकि ज्यादार लोग श्रद्धा के इस फैंसले की तारीफ कर रहे हैं। वो वाकई मे उदार दिल की महिला हैं। हमें आपका ये कदम बहुत अच्छा लगा श्रद्धा। बहुत अच्छ।
बॉलीवूड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर ने फिल्मों में अपने अभिनय से काफी लोगों का दिल जीता है। लेकिन इस बार उन्होंने फिल्मों से हटकर रियल लाइफ में ऐसा काम किया है कि लोग उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। हाल ही में श्रद्धा कपूर टीबी की बीमारी से जूझ रही 13 साल की लड़की सौम्या शेख से मिलने मुंबई के केम अस्पताल पहुंच गईं। सौम्या की ये इच्छा थी कि वो अपनी पसंदीदा अभिनेत्री श्रद्धा कपूर से मिलना चाहती हैं।
जैसे ही इस बच्ची की इच्छा का पता अस्पताल वालों को चला तो उन्होंने तुरंत श्रद्धा कपूर को ट्वीट कर ये बात उन तक पहुंचाई। श्रद्धा ने इस ट्वीट का तुरंत जवाब देते हुए लिखा कि, मैं उस बच्ची से मिलना चाहती हूं। मुझे बताइए मुलाकात कैसे हो सकती है। श्रद्धा अपने बिजी शेड्यूल से समय निकालकर उस बच्ची से मिलने अस्पताल पहुंचीं लेकिन वो किसी बॉडीगार्ड को लिए बिना ही वहां पहुंचीं। वो बुर्का पहनकर वहां गई थीं।
श्रद्धा ने अपने इंस्टाग्राम अकांउट पर सुमय्य शेख के साथ तस्वीर भी शेयर की और साथ ही कैप्शन में लिखा, मैं आज बहुत खुश हूं क्योंकि कि मैं सौम्या से अस्पताल जाकर मिल पाई। इतनी प्यारी नन्ही परी है। मैं उसके जल्द ठीक होने की प्रार्थना करती हूं। उन्होंने आगे ये भी लिखा कि अगर वो किसी तरह की मदद उसकी कर सकेंगी तो जरूर करना चाहेंगी।
बुर्के के साथ श्र्द्धा को देखकर कट्टर धार्मिक ओर नारीवादी लोग भड़क गए। उनको ट्विट्टर पर भद्दी भद्दी गालियां दी जा रही है। जो की बहुत ही शर्मनाक है। किसी भी व्यक्ति को संविधान उसकी इच्छा के अनुसार जीवन व्यतीत करने की स्वतन्त्रता देता है तो। इसके अंतर्गत उसका पहनावा क्या होना चाहिए ये व्यक्ति की खुदकी पसंद है। इसपर दूसरे लोग क्यों हो हल्ला करते है समझ नहीं आता।
आपको बताते चले की, बुर्का को नारीवादी लोग गुलामी का प्रतीक मानते है, जबकि हमारा मानना है 21 वीं शताब्दी मे कोई भी महिला गुलाम नहीं हो सकती । बुर्का एक परिधान है जो की कोई भी स्वतंत्र होकर पहन सकता है। क्या नारीवादी लोग आपे आसपास एसी महिलाओं को नहीं देखते जो स्वेछा से इस परिधा को पहनती हैं
ओर जो लोग धार्मिक कट्टर होने के नाते श्रद्धा को गालियां दे रहे हैं वास्तव मे अपने धर्म को नीचा दिखा रहे हैं। इन लोगो का कहना है की श्रद्धा ने धर्म परिवर्तन कर लिया है । जबकि एसे नहीं है, बात सिर्फ इतनी है की श्रद्धा हो सुमय्या से मिलना था जिसके लिए उन्होने अस्पताल मे अफरातफरी न मचे इसलिए बुर्के का सहारा लिया।
हालांकि ज्यादार लोग श्रद्धा के इस फैंसले की तारीफ कर रहे हैं। वो वाकई मे उदार दिल की महिला हैं। हमें आपका ये कदम बहुत अच्छा लगा श्रद्धा। बहुत अच्छ।